शतावरी का परिचय
Introduction of Shatavari in Hindi
बहुत ही कम लोग हैं जिनको पता होगा कि शतावरी (Asparagus (Shatavari) Benefits)क्या होती है, और उनमें से भी ज्यादातर लोगों को इसके फायदे के बारे में पता नहीं होगा। वैसे भी यह औषधि वयस्क होने के बाद ही प्रयोग में आती है और खासकर महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा। तो युवावस्था के बाद ही पता लगता है कि शतावरी क्या है और यह क्या काम आती है। क्या आपको पता है कि शतावरी क्या है, इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है, यह कहां मिलता है, और शतावरी के फायदे क्या-क्या हो सकते हैंं?
शतावरी आयुर्वेद की सबसे प्राचीन औषधियों में से एक है। भारतीय औषधियों पर लिखे गए प्राचीन ग्रंथों में शतावरी का वर्णन किया गया है। चरक संहिता जैसे ग्रंथों में शतावरी को स्त्रियों के लिए शक्ति, बल, एवं पुष्टिवर्धक बताया गया है।
आयुर्वेद में शतावरी (Asparagus (Shatavari) Benefits) को एक बहुत ही चमत्कारी औषधि के रूप में प्रयोग किया गया है। ‘शतावरी’ दो शब्दों – शत (सौ) + वरी (उपचार) से मिलकर बना है। इसका प्रयोग सौ बीमारियों के इलाज में कर सकते हैं। अगर आपको शतावरी के फायदे के बारे में जानकारी नहीं है, तो यहां आपको पूरी जानकारी मिलेगी।
आयुर्वेद में अनेकों औषधियों का वर्णन है। भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा में शतावरी का प्रयोग प्राचीनकाल से चला आ रहा है। शतावरी का उपयोग मुख्य रूप से यौन रोग (Sexual Disease) से संबंधित समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है। अश्वगंधा के साथ साथ शतावरी की जड़ का प्रयोग वीर्य वृद्धि के लिए किया जाता है।
शतावरी क्या है?
What is Shatavari in Hindi?
शतावर या शतावरी लिलिएसी कुल का औषधीय पौधा है।आम तौर पर शतावरी तीन रंगो में पाया जाता है, जो हरा, सफेद व बैंगनी है। शतावरी बेल या झाड़ीनुमा एक पौधे के रूप में पाई जाने वाली औषधि है। इसका पौधा अनेक शाखाओं से युक्त कांटेदार बेल के रूप में होता है। यह एक से दो मीटर लम्बा होता है। इसकी जड़ें गुच्छों के रूप में होती हैं। इसकी प्रत्येक लता के नीचे कम से कम सौ से भी ज्यादा जड़ें होती हैं। ये जड़ें लगभग 35-100 सेमी लम्बी एवं 1-2 सेमी मोटी होती हैं। जड़ों के दोनों सिरे नुकीले होते हैं। जड़ों के भूरे रंग के आवरण में होती हैं। इन जड़ों के छिलके को निकालने के बाद अन्दर दूध के समान सफेद जड़ें निकलती हैं। इन जड़ों के बीच में कड़ा रेशा होता है जिसे निकल सकते हैं।
यह एक ऐसी जड़ी बूटी है जो स्त्री प्रजनन प्रणाली में सुधार लाने में मदद करती है। शतावरी स्त्रियों में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण तनाव को कम करते है तथा बढ़ती उम्र से संबंधी रोगों के इलाज में लाभ देती है।
शतावरी के अन्य भाषाओं में नाम
Names of Shatavari in Other Languages
दुनिया भर में शतावरी (Satavari) को कई नामों से जाना जाता है। इसे शतावरी, Wild Asparagus, शतपदी, भारतीय एस्पैरेगस (Indian Asparagus), शतमूली, महाशीता, नारायणी, अतिरसा, नारायणी, बहुसुता, तालमूली, सतावरा (Satavara), सतमूली (Satmuli) शतावरि (Shatavari), शतावलि (Shatavali) आदि नामों से जाना जाता है। अन्य भाषाओं में इनके अलावा भी इसके अनेकों नाम मिल सकते है।
Asparagus Meaning in Hindi –
शतावरी, सतावर, सतावरि, सतमूली,
शतावरी को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
Shatavari in English –
Wild Asparagus (वाईल्ड एस्पैरागस), Native asparagus (नेटिव एस्पैरागस)
शतावरी के उपयोगी भाग
Useful Parts of Asparagus in Hindi
जड़, पत्तियां, डंठल, बीज एवं अर्क
शतावरी कहां पाई जाती है?
Where is asparagus found?
हिमालयी क्षेत्र में प्राकृतिक औषधियों की भरमार है उन औषधियों में शतावरी भी एक मुख्य जड़ी बूटी है। जो महिलाओं के लिए एक अनमोल उपहार हैं। यह हिमालय पर्वत श्रृंखला के आस पास के भागों में आसानी से मिल जाती है। यह मुख्य रूप से श्रीलंका, नेपाल तथा भारत के पूरे हिमालयी क्षेत्र में उगता है।
शतावरी की तासीर
Taste and Nature of Asparagus in Hindi
इसकी तासीर ठंडी प्रकृति वाली होती है।
शतावरी में कौन कौनसे खनिज व विटामिन पाए जाते है?
What Minerals and Vitamins are Found in Shatavari in Hindi?
इसमें अनेकों प्रकार के खनिज तत्व पाए जाते हैं। इसमें पोटेशियम, 94% पानी, फाइबर, अमोनिया, सल्फर व कार्बोहाइड्रेट आदि पाए जाते हैं। शतावरी में कैलोरी की बहुत कम मात्रा होती है। इसमें 20 से भी कम कैलोरी होती है। शतावरी एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण भी लाभकारी होती है।
शतावरी को कैसे खाना चाहिए?
How to Eat Asparagus?
इसके खाने के अनेकों तरीके होते है किंतु शतावरी का उपयोग किस लिए किया जा रहा है यह महत्वपूर्ण है। इसका उपयोग प्रयोजन के अनुसार ही किया जाना चाहिए। तो जानते है इसके सेवन की विधि और तरीका –
शतावरी को पकाकर खाने का तरीका या विधि –
Method of Eating Asparagus by Cooking in Hindi –
सबसे पहले एक तवे को अच्छे से गरम कर लें। इसके लिए शतावरी पर ऑलिव (Olive) ऑयल लगा लें और नमक और काली मिर्च लगाकर तवे पर पकाएं।
शतावरी पकाने के लिए सबसे पहले मध्यम आंच पर सरसों तेल को गरम कर लें। तेल में लहसुन और शतावरी डाल दें। इसे 10-15 मिनट धीमी आंच पर पकाएं। ध्यान रखें जले नही।
अच्छी तरह पकने के बाद बर्तन में निकालकर सेवन करें।
शतावरी के फायदे
Asparagus Shatavari Benefits and Uses in Hindi
कैंसर में शतावरी के फायदे –
Health Benefits of Asparagus (Shatavari) in cancer
शतावरी कैंसर रोग को रोकने में सहायक हो सकती है। इसमें पाया जाने वाली ग्लूटाथिओन शरीर में जमा गंदगी को बाहर करके कार्सिनोजेन को नष्ट करती हैं।
यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। शतावरी का सेवन करने से अस्थि कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, लंग कैंसर आदि से बच सकते हैं।
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उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए शतावरी के प्रयोग
Uses of Shatavari to Control High Blood Pressure in Hindi
अधिकतर लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या होती है। यह हृदय के लिए हानिकारक है। भोजन में नमक की मात्रा कम करने और पोटेशियम अधिक मात्रा में खाने से उच्च रक्तचाप नियंत्रित हो जाता है। शतावरी में पोटेशियम की मात्रा काफी हद तक होती है, इसलिए यह पोटैशियम का अच्छा स्त्रोत है।
हड्डियों की मजबूती के लिए शतावरी –
Shatavari- Asparagus Benefits for the Strength of the Bones in Hindi-
शतावरी में कैल्शियम तथा विटामिन K की मात्रा प्रचुर मात्रा में होती है जो हड्डी को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है। हमारे शारीरिक ढांचे का अहम हिस्सा हड्डियां हैं। उम्र बढ़ने के साथ साथ शरीर में हड्डियां (Bones) कमजोर होने लगती है। अपने आहार में शतावरी या औषधि के रूप में इसका उपयोग करे तो हड्डी की समस्या को कम किया जा सकता है।हड्डियों को मजबूती प्रदान करने से ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों से बचा जा सकता है।
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शारीरिक दुर्बलता को दूर करने के लिए शतावरी का प्रयोग
Use of Asparagus to Remove Physical Weakness in Hindi
कभी कभी कुछ लोग शारीरिक कमजोरी या शरीर में ताकत की कमी महसूस करते है। शारीरिक दुर्बलता को दूर करने के लिए शतावरी को घी में पकाकर मालिश करनी चाहिए इससे शरीर की कमजोरी दूर होती है। यह सामान्य दुर्बलता को दूर करने में बहुत लाभकारी होती हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक शतावरी –
Asparagus Helpful in Increasing Immunity in Hindi –
शतावरी शारीरिक बल एवं पुष्टिबर्धक औषधि है। इसका सेवन करने से यह रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाती है।शतावरी में पाए जाने वाले प्रीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। विटामिन बी ऊर्जा का स्त्रोत होता है जो शतावरी में पाया जाता है। शतावरी में फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।
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बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के लिए शतावरी का प्रयोग –
Health Benefits of Asparagus, Shatavari to Control Increasing Weight in Hindi
यदि उम्र के साथ साथ शरीर का वजन या मोटापा बढ़ता ही जा रहा है तो शतावरी वजन कम करने में फायदेमंद होती है, क्योंकि शतावरी में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जो शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को कम करता है और वजन को बढ़ने से रोकता है। फाइबर युक्त भोजन करने से जल्दी भूख नहीं लगती है।
स्त्रियों में मासिक धर्म के समय वजन में वृद्धि होने की संभावना रहती है ऐसे में शतावरी वजन को कम करने में सहायता करती है।
कम कैलोरी वाले और पानी से भरपूर भोजन करने से वज़न कम होता है। शतावरी में फाइबर और जल की मात्रा अधिक होती है और कैलोरी कम होती है।
चेहरे की झुर्रियों के लिए शतावरी का प्रयोग-
Health Benefits of Asparagus (Shatavari) for Facial Wrinkles in Hindi
चेहरे पर कांति लाने और झुर्रियों को मिटाने के लिए महिलाओं को शतावरी का सेवन करना चाहिए।
आधासीसी रोग में सतावरी के फायदे –
Benefits of Asparagus Shatavari in Migraine Disease in Hindi
माइग्रेन का दर्द बहुत ही तेज होता है।
इस रोग में शतावरी असहनीय सिर दर्द में आराम दिलाता है।
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स्त्री रोग में शतावरी के फायदे
Benefits of Asparagus Shatavari in Gynecology in Hindi
शतावरी गर्भवती महिलाओं के लिए एक सर्वश्रेष्ठ औषधि है। यह गर्भ में पोषण प्रदान करती है तथा एक स्त्री को गर्भ धारण के लिए तैयार, गर्भपात जैसी समस्या से भी बचाती है। महिलाओं के लिए शतावरी के जितने फायदे गिनाए उतने ही कम हैं। शतावरी गर्भ धारण करने वाली स्त्री के लिए बेहद लाभकारी होती है। गर्भवती महिलाओं को शतावरी अधिक मात्रा में खिलाना चाहिए।
श्वेत प्रदर रोग में शतावरी के फायदे
Benefits of Asparagus (Shatavari) in Leucorrhoea in Hindi
आमतौर पर देखा जाता है महिलाएं प्रदर रोग से ग्रस्त रहती हैं। स्त्रियों की योनि (vagina) से सफेद व तीव्र गंध वाला पदार्थ निकलता है जिसके उपचार के लिए शतावरी बहुत ही उपयोगी साबित होती है।
शतावरी में अमोनिया और सल्फर की मात्रा होती है, जिस कारण से यह मूत्र में बदबू पैदा करता है, जो आम बात है।
गर्भधारण के समय शतावरी के लाभ –
Benefits of Asparagus During Pregnancy in Hindi –
शतावरी गर्भवती महिलाओं के लिए एक सर्वश्रेष्ठ औषधि है। यह गर्भ में पोषण प्रदान करती है तथा एक स्त्री को गर्भ धारण के लिए तैयार करती है। शतावरी का सेवन गर्भपात जैसी समस्या से भी बचाती है। यह मां के स्तनों में दूध की मात्रा में वृद्धि करती है तथा उत्तम गुणवत्ता प्रदान करती है।
महिलाओं के लिए शतावरी के जितने फायदे गिनाए उतने ही कम हैं। अतः शतावरी गर्भ धारण करने वाली स्त्री के लिए बेहद लाभकारी होती है। गर्भवती महिलाओं को शतावरी अधिक मात्रा में खिलाना चाहिए। जो महिलाएं गर्भ धारण करने वाली होती हैं उन्हें विशेष रूप से इसका सेवन करना चाहिए। शतावरी लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में मदद करती है और डीएनए का निर्माण करती है।
शतावरी, अश्वगंधा, मुलैठी, सौंठ तथा भृंगराज को मात्रा में बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। 1-2 ग्राम की मात्रा में बकरी के दूध के साथ सेवन करने से गर्भ में पलने वाला शिशु स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता है।
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स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए शतावरी का प्रयोग कैसे करें?
How to use Asparagus or Shatavari to increase Breasts Milk?
नवजात शिशु जन्म देने के बाद कुछ माताओं को स्तनों में कम दूध होने की समस्या होती है।
ऐसी स्थिति में शतावरी की जड़ के 10 ग्राम चूर्ण को गाय, भैंस या बकरी के दूध के साथ सेवन करें। इससे स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।
शतावरी की जड़ से बने पेस्ट का दूध के साथ नियमित रूप से सेवन करने से स्तनों में दूध की वृद्धि हो जाती है।
मधुमेह रोग में शतावरी के फायदे
Health Benefits of Asparagus (Shatavari) in Diabetes in Hindi
शतावरी मधुमेह रोगी के लाभदायक होती है। इसके सेवन से इन्सुलिन में सुधार होता है जिस कारण से ब्लड शुगर नियंत्रित होता है।
शतावरी एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होने के कारण मधुमेह रोगी के लिए फायदेमंद साबित होती है।
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यौन रोगों में शतावरी
Asparagus (Shatavari) Benefits in Sexually Transmitted Diseases
शतावरी सेक्सुअल डिजीज में बहुत ही लाभकारी औषधि है। खासकर महिलाओं में होने वाले यौन रोग के लिए यह एक वरदान साबित होती है। यह महिलाओं के प्रजनन अंगों (reproductive organs) कायाकल्प औषधि है। इससे स्त्रियों के प्रजनन अंगों के लगभग सभी बीमारियों का इलाज संभव है। यह मासिक धर्म चक्र (menstrual cycles) को नियंत्रित करती है।
यदि पुरुषों की बात की जाय तो यह शुक्राणुओं (sperms) की संख्या को तीव्र गति से बढ़ाती है और साथ ही शुक्राणु की गुणवत्ता और गतिशीलता में सुधार लाती है। शतावरी एक उत्तेजक औषधि है जिसके सेवन से संभोग करने के लिए कामोत्तेजना जाग्रत होती है।
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संभोग क्षमता को बढ़ाने के लिए शतावरी का सेवन
Consumption of Shatavari to Increase Sexual Ability in Hindi
शतावरी चूर्ण की दूध में खीर बनाकर खाने से संभोग क्षमता (Sexual Stamina) में वृद्धि होती है।
मर्दाना कमजोरी में शतावरी के फायदे
Shatavari Benefits in Male Weakness in Hindi
कुछ लोग मर्दाना ताकत की कमी, शीघ्रपतन आदि रोगों से ग्रस्त होते हैं, ऐसे लोगों के लिए शतावरी बहुत ही फायदेमंद होती है।
ऐसे व्यक्ति शतावरी पका कर सेवन करना चाहिए।
वीर्य दोष से संबंधी रोग में शतावरी के फायदे
Benefits of Shatavari in diseases related to semen defects
यदि किसी पुरुष को वीर्य की कमी की समस्या है तो शतावरी का प्रयोग करना लाभदायक रहता है। ऐसे व्यक्ति को 5-10 ग्राम शतावरी को घी के साथ रोज सेवन करना चाहिए।
इस मिश्रण के सेवन करने से वीर्य की मात्रा एवं गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
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स्वप्नदोष में शतावरी के फायदे
Benefits of Asparagus in Nightmares or Emission in Hindi
स्वप्न दोष एक यौन रोग से संबंधी बीमारी है इसके उपचार के लिए 200 ताजा शतावरी की जड़ का चूर्ण 200 ग्राम और मिश्री को मिलाकर बारीक पीस लें। इस मिश्रण का 8-10 ग्राम चूर्ण प्रतिदिन सुबह शाम एक गिलास दूध के साथ सेवन करने से लाभ होता है।
यह स्वप्न दोष को दूर करता है और शरीर स्वस्थ बनाता है।
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अनिद्रा रोग में शतावरी के फायदे
Asparagus (Shatavari) Benefits in Insomnia in Hindi
यह एक आम बीमारी है। कुछ लोगों को चिंता अथवा अन्य दूसरे कारणों से नींद नहीं आती है। अनिद्रा से ग्रस्त रोगी को 2-4 ग्राम शतावरी चूर्ण को दूध में पकाकर घी के साथ मिलाकर खाने से अनिद्रा की बीमारी ठीक हो जाती है।
इसके सेवन से मानसिक व शारीरिक तनाव को दूर रहता है और अनिद्रा से छुटकारा मिल जाता है।
बुखार में शतावर के फायदे
Benefits of Shatavari in Fever in Hindi
गिलोय और शतावरी के समान भाग के 10 से 12 मिली रस में गुड़ मिलाकर पीने से बुखार में लाभ होता है।
शतमुली और गिलोय के काढ़ा में 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से बुखार शीघ्र ठीक होता है।
सर्दी-जुकाम में शतावरी के फायदे
Benefits of Shatavari in Cold and Flu in Hindi
शतावरी की जड़ का 15-20 मिली काढ़ा पीने से सर्दी जुकाम जैसी समस्या ठीक हो जाती है।
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खांसी में शतावरी के फायदे
Benefits of Shatavari in Cough in Hindi
शतावरी खाँसी और गले में खराश में भी लाभकारी होती है। शतावरी की जड़ के रस का प्रयोग हम खांसी से राहत पाने के लिए कर सकते हैं।
सूखी खांसी में 10-10 ग्राम वासा के पत्ते, शतावरी और मिश्री को कूटकर 200 मिली पानी में उबाल लें। इस काढ़े का सेवन करने से सूखी खांसी में आराम मिलता है।
पाचन शक्ति को बढ़ाने में शतावर के उपयोग
Uses of Shatavar to Increase Digestion Power in Hindi
शतावरी फाइबर का प्रमुख स्रोत है। फाइबर युक्त खाना पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छा होता है। यदि खाना ठीक से नहीं पच रहा है, तो 4-5 मिली शतावरी की जड़ के रस को दूध और शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है।
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पेट दर्द में शतावार के फायदे
Asparagus (Shatavari) Benefits in Stomach Pain in Hindi
10 मिली शतावरी के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द में लाभ मिलता है।
नाक के रोग में शतावरी के फायदे
Benefits of Shatavari in Nose Disease in Hindi
शतावर चूर्ण नाक संबंधी रोगों के उपचार के लिए बहुत ही लाभकारी है।
शतावरी चूर्ण को दूध में पकाकर पीने से आराम मिलता है।
रतौंधी में शतावरी के फायदे
Benefits of Shatavari in Night Blindness in Hindi
शुद्ध घी में शतावरी के कोमल पत्तों को भूनकर खाने से रतौंधी में लाभ होता है।
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मूत्र रोग में शतावर के सेवन के फायदे
Benefits of Consuming Shatavar in Urinary Disease in Hindi
मूत्र से संबंधी रोगों में शतावर बहुत ही लाभकारी होता है।
शतावरी के रस के साथ गोखरू के पानी का सेवन करने से पेशाब से संबंधी रोगों में आराम मिलता है।
शतावर के जड़ का काढ़ा में शहद और मिश्री मिलाकर पीने से बार बार पेशाब आने की समस्या ठीक हो जाती है।
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बवासीर (पाइल्स) में शतावरी के फायदे
Benefits of Shatavari in Piles in Hindi
शतावरी चूर्ण का दूध के साथ नियमित सेवन करने से बवासीर रोग में लाभ मिलता है।
पथरी रोग में शतावरी के फायदे
Benefits of Shatavari in Stone Disease in Hindi
शतावरी की जड़ के रस में बराबर मात्रा में गाय के दूध को मिलाकर पीने से पुरानी पथरी जल्दी गल जाती है।
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शतावरी के नुकसान –
Disadvantages of Shatavari in Hindi –
शतावरी के लाभ के बारे में आप सब ने जान लिया होगा। कहते हैं कि अति हर चीज की बुरी होती है, अगर इसका सेवन भी सीमा से ज्यादा किया जाए तो कुछ मामलों में नुकसानदायक हो सकती है। तो जानते है शतावरी से होने वाले नुकसान –
इसके सेवन से निम्न समस्याएं हो सकती हैं –
अधिक शतावरी का उपयोग करने से आंखो में खुजली और त्वचा में खुजली की समस्या हो सकती है।
इस जड़ी-बूटी का उपयोग सावधानी से करें, क्योंकि अगर आप मूत्रवर्धक दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह औषधि उन दवाओं के असर को ख़त्म कर सकती है।
शतावरी के उपयोग से एलर्जी हो तो इसके सेवन से बचना चाहिए।
ऐसे व्यक्ति को शतावरी के सेवन से बचना चाहिए जिसको दस्त की समस्या है।
यदि अधिक मात्रा में सेवन किया हो तो हृदय व गुर्दा संबंधी विकारों का कारण बन सकती है।
अधिक मात्रा में शतावरी का सेवन करना श्वसन रोग का कारण बन सकता है।
कभी कभी शतावरी के अधिक सेवन से त्वचा पर चकत्ते जैसा हो सकता है।
शतावरी एक कार्बोहाइड्रेट का स्त्रोत होता है। इस कारण से पेट में गैस की समस्या हो सकती है।
चिकित्सक की सलाह के पश्चात ही सतावरी का सेवन करना चाहिए।
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