लहसुन का परिचय
Introduction to Garlic
लहसुन एक रसायन है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी (Health Benefits of Garlic) होता है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से खाने और औषधि के रूप में किया जाता है। यह स्वाद में तीक्ष्ण होता है, जो शरीर के कीटाणुओं को मारने की क्षमता रखता है।भारत में लहसुन का प्रयोग घरों में मसाले के रूप में सर्वाधिक किया जाता है। आयुर्वेद में लहसुन का विस्तार से वर्णन है। आयुर्वेद के अनुसार लहसुन का अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाना चाहिए, क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट गुण सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है तथा यह एंटीबायोटिक होता है।
सुबह खाली पेट कच्चा लहसुन खाने के क्या फायदे हैं?
What are the benefits of eating raw garlic on an empty stomach in the morning?
80 वर्ष की उम्र में यदि कोई व्यक्ति जवान होना चाहता है तो उसको यह दृढ़ संकल्प करना होगा कि वह लहसुन का प्रतिदिन सेवन करेगा। 6 महीने लगातार सेवन करने से मात्र से लहसुन शरीर की मृत कोशिकाओं को पुनः जीवित कर देता है। लहसुन बैक्टीरिया को खत्म करने वाला होता है इसलिए इसकी गंध से बहुत सारे कीटाणु समाप्त हो जाते हैं।
जब लहसुन (Health Benefits of Garlic) का सेवन करना प्रारंभ करते हैं तो शरीर में प्रवेश करते ही कीटाणुओं को मारने का काम प्रारंभ कर देता है। लहसुन तीक्ष्ण स्वभाव का होने के कारण प्रारंभ में शरीर में जलन जैसा महसूस करता है इसके बाद यह शांत होकर अपना रचनात्मक कार्य प्रारंभ कर देता है। लहसुन इतना शक्तिशाली होता है कि शरीर की मरी हुई कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर देता है और वृद्धावस्था के कारण मरी हुई कोशिकाओं की उन्हें मरम्मत करके उन्हें नया जीवन प्रदान करता है इसके लिए निरंतर 6 माह सेवन करने से पूर्ण लाभ प्राप्त होता है।
लहसुन के अन्य नाम
Other names for garlic
लहसुन को कई नामों से जाना जाता है इनमें लहसुन, लशुन, लसन, महौषध, रसोनक, महाकंद, अरिष्ट, उग्रगंध, Garlic आदि नाम मुख्य हैं।
लहसुन कैसा होता है?
How is garlic?
यह भारत के सभी भागों में उगाया जाता है। यह मुख्य रूप से सब्जियों में मसाले के रूप में प्रयोग में लिया जाता है। लहसुन की बनावट मुख्य रूप से प्याज के जैसी होती है। यह देखने में बिल्कुल प्याज जैसा दिखाई देता है। इसकी गांठे प्याज की तरह जमीन में होती हैं और जमीन में होने वाली गांठों में छिलके के साथ कलियां होती हैं। एक लहसुन में लगभग 10-15 कलियां होती हैं। लहसुन के पौधे में पत्तियां भी हरे रंग की आती हैं जो देखने में प्याज की पत्तियों जैसी ही दिखाई देती है यह गोल एवं लंबी होती है।
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लहसुन कितने प्रकार का होता है?
How many types of garlic are there?
मुख्य रूप से लहसुन दो प्रकार का होता है –
1. साद्रपुष्प रसोन-
Health Benefits of Garlic in Hindi
इसमें हल्के बैगनी रंग के फूल आते हैं। इसका प्रयोग आयुर्वेद में औषधि के रूप में किया जाता है।
पूर्ण रूप से पक जाने पर यह पतले व सफेद रंग के आवरण से युक्त होता है। इसके पत्ते पीले, गोलाकार व चमकीले होते हैं।
2. वन्य रसोन –
Lahasun ke fayde in hindi
इसका प्रयोग घरों में सब्जी में छौंक के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें सफेद रंग के पुष्प आते हैं। इसमें हरे रंग के चपटे पत्ते आते हैं।
सेवन करने की दृष्टि से लहसुन तीन प्रकार का होता है –
1. सर्वश्रेष्ठ लहसुन –
Best Fresh Garlic for eat-in Hindi
यह लहसुन वह है जिसमें एक ही गांठ होती है और वह एक ही तुरी या कली या पोथी से बनी होती है। इस लहसुन की गांठ में केवल एक ही कली होती है। ऐसे लहसुन को सर्वश्रेष्ठ लहसुन माना जाता है। शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए यह लहसुन एक चमत्कारिक औषधि है।
2. मध्यम लहसुन –
Medium Garlic in Hindi
इस लहसुन की गांठ मोटी होती है, इसमें लगभग 5 से 10 पोथी या कलियां होती हैं। इस लहसुन की कलियां मोटी मोटी होती हैं, यह लहसुन भी खाने की दृष्टि से उत्तम माना जाता है।
3. निकृष्ट लहसुन –
Dead or Bad Garlic in Hindi
ऐसा लहसुन जिसकी गांठ व कलियां पतली व छोटी होती हैं। ऐसा लहसुन जल्दी सूख जाता है, इसे मृत लहसुन भी माना जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार लहसुन में कौन कौनसे रस पाए जाते हैं?
Which juices are found in garlic according to Ayurveda?
आयुर्वेद के अनुसार कुल 6 रस होते हैं, (Health Benefits of Garlic) जिनमें से अकेले लहसुन में ही पांच रस होते हैं, इसमें केवल अम्ल रस नहीं होता है। खट्टा रस शरीर के लिए हानिकारक होता है और यह रस लहसुन में नहीं होता है किंतु शरीर में पहले से ही पर्याप्त मात्रा में विद्यमान रहता है। लहसुन की जड़ में चरपरा (तीखा) रस, पत्तों में कड़वा रस, नाल में कसैला रस, नाल के अग्र भाग में लवण रस व बीजों में मधुर रस होता है।
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लहसुन खाने से क्या लाभ होता है?
What are the benefits of eating garlic?
कायाकल्प के लिए लहसुन बहुत ही लाभकारी होता है। हालांकि लहसुन शरीर में गर्मी पैदा करता है किंतु इसकी गर्मी को ध्यान में नहीं रखना चाहिए और लहसुन का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। लहसुन शुरुआत में गर्म रहता है किंतु बाद में शांत होकर शरीर को ठंडा कर देता है। यह गर्म तासीर का होने के कारण शुरुआत में जोश दिलाता है लेकिन यह बाद में चांद की तरह शीतल हो जाता है। इसलिए लहसुन का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।
प्रसव काल में प्रसूता स्त्री को लहसुन देने का आम रिवाज है। क्षय रोग रोहिणी रोग वह छुआछूत वाली बीमारियों में लहसुन बहुत ही फायदेमंद होता है। लहसुन एक ऋतु स्त्राव नियामक पदार्थ की तरह मासिक धर्म के प्रभाव को बढ़ाता है। यह त्वचा एवं गुर्दे को उत्तेजना प्रदान करता है। यह मूत्र की तादाद बढ़ाता है और जलोदर में प्रयोग किया जाता है। हिस्टीरिया रोग में लहसुन सुंघाने से लाभ मिलता है। लहसुन उत्तेजक व चर्म दाहक होता है तथा यह शांति दायक होता है लहसुन पाचन शक्ति बढ़ाता है, व पाकस्थली को उत्तेजित करता है, कोष्ठ वायु को नष्ट करता है।
इसमे पौष्टिक, कामोद्दीपक, उष्ण, पाचक, तीक्ष्ण, मधुर, सारक, टूटी हड्डी जोड़ने वाला, कंठ को सुधारने वाला, रक्तपित्त वर्धक, कांति वर्धक, मस्तिष्क को शांति देने वाला रसायन होता है। यह हृदय रोग, जीर्ण ज्वर, अरुचि, खांसी, सूजन, कोढ़, बवासीर, कृमि, वात, मंदाग्नि, श्वास व कफ में लाभ देता है। यह रक्त पतला करने प्रमेह व कुष्ठ रोग में भी लाभदायक होता है। लहसुन के नियमित सेवन से इनफ्लुएंजा वेरी-वेरी जैसे खतरनाक रोग भी दूर हो जाते हैं।
लहसुन के चमत्कारी आयुर्वेदिक फायदे –
Miraculous Medicinal Health Benefits of Garlic in Hindi
गठिया रोग या जोड़ों के दर्द में लहसुन के फायदे –
Benefits of garlic in arthritis or joint pain in Hindi
गठिया रोग आजकल आम बीमारी है, मुख्य रूप से यह बीमारी वृद्ध लोगों में पाई जाती है। जो लोग अधिक खट्टी वस्तु का सेवन करते हैं उन्हें जोड़ों के दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है। खट्टी वस्तुएं शरीर में यूरिया एसिड पैदा करती हैं, जो आगे जाकर गठिया रोग का रूप धारण कर लेती हैं। अधिक मीठी वस्तुओं का सेवन करने से भी गठिया रोग होता है, चाशनी वाली वस्तुओं का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।
लहसुन गठिया रोग में बहुत ही लाभकारी वस्तु है। गठिया रोग में लहसुन के सेवन के लिए 1 किलो दूध में एक गांठ लहसुन को अच्छे से छोटे-छोटे टुकड़े करके पका लें। इस तरह के उबले हुए दूध का सेवन लगातार 6 सप्ताह करने मात्र से गठिया रोग ठीक हो जाता है। सप्ताह में कम से कम एक बार दर्द वाले स्थान पर सरसों के तेल में लहसुन को पकाकर तेल से मालिश करनी चाहिए।
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रक्त संचरण में लहसुन के फायदे –
Benefits of garlic in blood circulation in Hindi
लहसुन रक्त को पतला करने में व रक्त की गति को बढ़ाने में उपयोगी होता है। इसके लिए कच्चा लहसुन सुबह खाली पेट खाना चाहिए। शुरुआत में कच्चा लहसुन खाने से पेट में जलन जैसा महसूस हो सकता है किंतु धीरे धीरे यह ठीक हो जाता है।
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बेचैनी होने पर लहसुन के फायदे –
Benefits of garlic in nausea or restlessness in Hindi
लहसुन की कच्ची कली खाने से जी मचलने जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
कटे स्थान, घाव, फोड़ा – फुंसी व जलने पर लहसुन के फायदे –
Benefits of garlic on pimples, Cut off location, wound, boil and burn Skin in Hindi
शरीर में कटने, घाव होने, फोड़ा फुंसी होने व जलने पर लहसुन को पीसकर लगाना चाहिए। इससे जल्दी राहत मिलती है व यह कीटाणुओं को नष्ट कर जल्द आराम देता है।
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खांसी होने पर लहसुन के फायदे –
Health Benefits of Garlic in cough in Hindi
लहसुन का मुनक्के के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से सभी तरह की खांसी ठीक हो जाती है। किंतु इस दौरान खटाई का सेवन नहीं करना चाहिए, साथ ही तेज मसाले वाली वस्तुओं से परहेज रखना चाहिए।
बच्चों को होने वाली खांसी में लहसुन की कलियों की माला पहनाने व सरसों के तेल में लहसुन जलाकर तेल से छाती पर मालिश करने से खांसी दूर होती है।
लहसुन को सिरके में भिगोकर सेवन करने से गले से संबंधी रोग दूर होते हैं।
शारीरिक पुष्टता के लिए फायदेमंद लहसुन –
Garlic beneficial for physical fitness in Hindi
सरसों के तेल में 8-10 लहसुन की पोथी जलाकर तेल से शरीर पर मालिश करनी चाहिए। इससे शरीर मजबूत होता है।
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कर्ण शूल या कान दर्द में लहसुन के फायदे –
Health Benefits of Garlic in ear pain in Hindi
सरसों के तेल में लहसुन पकाकर तेल को ठंडा होने पर कान में 2-3 बूंद डालने से लाभ मिलता है। इससे बहरेपन में भी लाभ मिलता है।
काम शक्ति बढ़ाने के लिए लहसुन के फायदे –
Health Benefits of Garlic to increase Sexual power in Hindi
शारीरिक दुर्बलता हो या यौन दुर्बलता, लहसुन दोनों कमजोरियों में बहुत ही फायदेमंद होता है। काम शक्ति बढ़ाने के लिए लहसुन को घी में तलकर प्रतिदिन सेवन करना चाहिए।
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वातरोग में लहसुन के फायदे –
Benefits of garlic in gout in Hindi
लहसुन की लुगदी व उससे सिद्ध किए गए तेल से मालिश करने से वात रोग दूर होते हैं।
आमवात में लहसुन के फायदे –
Benefits of garlic in rheumatism in Hindi
गाय के शुद्ध घी में लहसुन समान मात्रा में मिलाकर सेवन करने से आम वात ठीक होता है।
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बिच्छू का विष उतारने में लहसुन का प्रयोग –
Use of garlic in scorpion poisoning in Hindi
यदि किसी व्यक्ति को बिच्छू काट ले तो लहसुन व अमचूर पीसकर लगाने से बिच्छू का जहर निकल जाता है।
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पागल कुत्ते के काटने पर लहसुन का प्रयोग –
Use of garlic on dog bites in Hindi
सिरके में लहसुन पीसकर लगाने से कुत्ते के काटने का जहर समाप्त हो जाता है।
लकवा रोग में लहसुन के फायदे –
Health Benefits of Garlic in paralysis in Hindi
लहसुन का पाक बनाकर खाने से लकवा रोग में लाभ मिलता है।
आधासीसी रोग में लहसुन के फायदे –
Health Benefits of Garlic in migraine disease in Hindi
लहसुन को बारीक पीसकर कनपटी पर लगाने से आधासीसी रोग में लाभ मिलता है। इस विधि के प्रयोग करने से कई मस्तिष्क रोग भी दूर होते हैं।
दमा रोग में लहसुन का प्रयोग –
Use of garlic in asthma in Hindi
आधा चम्मच लहसुन के रस को गुनगुने जल के साथ सेवन करने से दमा रोग में लाभ मिलता है।
बुखार में लहसुन के फायदे –
Health Benefits of Garlic in fever in Hindi
जिन व्यक्तियों को बार बार बुखार आता है, उन्हें प्रतिदिन नियमित रूप से कच्चे लहसुन का सेवन करना चाहिए।
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नई कोशिकाओं के निर्माण में लहसुन –
Garlic in the formation of new cells in Hindi
कुछ लोग अधिक सोचते हैं और चिंतित रहते हैं जिस कारण से दिमाग की नसों पर व कोशिकाओं पर असर पड़ता है। कभी-कभी अधिक सोचने से दिमाग की नसें टूट जाती हैं और इसका असर जीवन पर बुरी तरह पड़ता है। इसलिए लहसुन शरीर की कोशिकाओं को मजबूत करता है और नई कोशिकाओं का निर्माण करता है।
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दाद में लहसुन के फायदे –
Benefits of garlic in ringworm in Hindi
दाद होने पर कच्चे लहसुन को पीसकर दाद वाले स्थान पर लगाने से जल्द आराम मिलता है। इस प्रयोग से दाद जलकर समाप्त हो जाता है।
गंजेपन में लहसुन के फायदे –
Benefits of garlic in Hair fall in hindi
जिन लोगों के सिर में बाल कम होते हैं, उन्हें तिल के तेल में लहसुन जलाकर सिर पर लगाना चाहिए इससे गंजेपन में लाभ मिलता है।
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विशेष विधि –
Special treatment by Garlic in Hindi
लहसुन में सेंधा नमक या शक्कर समान मात्रा में मिलाकर उसे महीन पीस लें। खरल में अच्छे से पीसकर अगले बना लें। समान मात्रा में घी के साथ अवलेह का हींग के साथ दिन में तीन बार सेवन करने से प्रथम स्तर का क्षय रोग, मंदाग्नि, अजीर्ण, आफरा, उदर शूल, खांसी, इनफ्लुएंजा, नासूर, संधि वात आदि रोग दूर होते हैं।
लहसुन से टिंक्चर बनाने की विधि –
Method of preparation of Tincture from Garlic in Hindi
इसका प्रयोग टिंक्चर बनाने के लिए किया जा सकता है। लहसुन को बारीक पीसकर तीन चार गुना रेक्टिफाइड स्पिरिट में डाल कर 3 दिन तक पड़े रहने देना चाहिए। इसके बाद इसे छानकर साफ बोतल में भर लें, चोट लगने पर इसका प्रयोग किया जा सकता है।
सावधानियां –
Cautions
लहसुन अत्यंत ज्वलनशील व चर्मदाहक होता है। कोमल त्वचा वालो को इसका प्रयोग काम करना चाहिए।
पांडु रोग, उदर रोग, दुर्बल शरीर वाले व्यक्तियों को लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए।
उड़द, गुड व ठंडे जल के साथ लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए।
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