harad.jpgTerminalia chebula

हरड़ एक परिचय
Harad – An Introduction

त्रिफला (Trifala) फलों में से एक फल हरड़ को आयुर्वेद की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। त्रिफला फलों में तीन फल आते है – आंवला, बहेड़ा और हरड़। इन तीनों फलों चूर्ण बनाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए अति लाभकारी है। हरड़ गर्म तासीर वाला फल है। जो अस्थि के समान कठोर होता है। आयुर्वेद में हरड़ का बहुत व्याख्यान है।

हरड़ का पेड़ कैसा होता है?
What is Terminalia Chebula?

हरड़ उत्तरी भारत में व ठंडे प्रदेश में अधिक मात्रा में उपजाऊ रहता है। हरड़ के पेड़ (Chebulic Myrobalan tree) की लंबाई लगभग 35 से 50 फीट होती है, जिसमें शाखाएं होती है। इन शाखाओं में चमकदार पत्ते होते है। हरड़ में मई जून मास में पुष्प लगते है तथा सर्दियों में फल लगाना प्रारंभ हो जाता है जो फरवरी से अप्रैल मास तक पक जाते है। हरड़ को हिरदा (Hirda), हरितकी (Haritaki), कायस्था, प्राणदा आदि कई नामों से जाना जाता है। हरड़ एक छोटा लंबा, कठोर गुठलीदार व अंडाकार फल होता है, जिसका प्रयोग अधिक मात्रा में औषधि में किया जाता है। यह पकने पर काले रंग का और कच्चा हरे व लाल रंग का होता है। अधपका या सूखने की स्थिति में आने पर यह भूरे रंग का होता है। जो फल कच्चे तोड़ लिए जाते है वह काले रंग की छोटी हरड़ होती है। पकने पर तोड़ा गया हरड़ का फल बड़ा व भूरे रंग का होता है।
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Terminalia Chebula

हर्र का उपयोगी भाग
Useful part of Myrobalan

हरड़ के पेड़ की जड़, छाल व फल औषधि में उपयोग की जाती है। हरड़ का स्वाद पांच तरह का होता है जिसमें मीठा, कसैला, खट्टा, तीखा व कड़वा शामिल है, इसके साथ ही हरड़ में पांच रेखाएं होती है, इसलिए हरड़ पंचरस फल व पंचरेखिय फल है। हरड़ एक गर्म प्रकृति का फल है, जो अनेकों रोगों में गुणकारी है।

कैसी हरड़ खाने योग्य होती है ?
What kind of Terminalia Chebula is edible?

हरड़ जो खाने के लिए अच्छी मानी जाती है वह है, पेड़ की पकी हुई, पञ्चरस वाली, आसानी से टूटने वाली, पानी में डूब जाए और मोटे गुदेदार होनी चाहिए। ऐसी हरड़ (Haritaki ke fayde in hindi) सेवन करने के लिए अच्छी मानी गई है। यदि हरड़ में किसी भी प्रकार का विकार है तो उसका सेवन नहीं करना चाहिए।
इसका प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। एक हरड़ अनेकों रोगों में लाभदायक होती है। हरड़ एक पौष्टिक औषधि है, जो शरीर के मोटापे को कम करके वजन को बढ़ाता है। मांस पेशियों में पुष्टता लाता है। त्रिफला चूर्ण या हरड़ का सेवन खाना खाने के बाद किया जाना चाहिए। इसका प्रयोग बवासीर, मल त्यागने, पेट संबंधी रोगों, पाचन शक्ति बढ़ाने, वजन को नियंत्रित करने, मूत्र रोग, एनीमिया, हृदय रोग, नेत्र रोग, याददाश्त बढ़ाने, आंत को स्वस्थ रखने, त्रिदोष ( वात, कफ व पित्त ), छालों, मसूड़ों, फेफड़े, धातु रोग, यौन रोग, दस्त, मधुमेह, ब्लड शुगर आदि में लाभकरी है।

हरीतकी के फायदे
Terminalia Chebula Benefits in Hindi

आंखों के लिए हरीतकी खाने के फायदे
Benefits of Terminalia Chebula for Eyes in Hindi

यह दौर तकनीकी का दौर है, जिसमें डिजिटल मीडिया के माध्यम से अधिकतर कार्य संपन्न किए जाते है। लोग आजकल अपना अधिकतम कार्य मोबैलज कंप्यूटर या टैबलेट के द्वारा करते है, जिससे ज्यादा से ज्यादा समय स्क्रीन के सामने गुजरना पड़ता है। इस कारण से आंखों में जलन और दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। जिससे भविष्य में दृष्टि बाधा उत्पन्न हो सकती है।
  • आंखों की जलन या दर्द के लिए हरड़ को रात में पानी में भिगो कर रख दे और सुबह हरड़ के ठंडे पानी से आंखों को धो ले। यह आंखों  में होने वाली जलन में लाभदायक है।
  • हरड़ को पानी में सुबह भिगोकर रख दें और शाम को सोने से पहले हरड़ को घिसकर आंखों पर लगाने से आंखों से पानी बहना बन्द हो जाता है। यह मोतियाबिंद में भी लाभकारी है।
  • खाना खाने पहले रोज मोटी दाख या मुनक्का को पीसकर हरड़ के चूर्ण के साथ मिला लें और इसका सेवन शहद के साथ करने से मोतियाबिंद ठीक हो जाता है।

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गले में दर्द या खराश होने पर हरड़ के फायदे –
Terminalia Chebula Benefits in case of Pain or Sore Throat in Hindi

आधा कप हरड़ के काढ़े में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से गले के दर्द में लाभ मिलता है। गले में जमा कफ को भी निकलता है।
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दांतों और मसूड़ों के दर्द में हरड़ के फायदे –
Benefits of Terminalia Chebula in Pain of Teeth and Gums in Hindi

हरड़ चूर्ण में नमक व सरसों का तेल मिलाकर दांतों पर घिसने से मसूड़े मजबूत होते है और दांत भी साफ होते है।

एसिडिटी में हरड़ के फायदे –
Benefits of Terminalia Chebula in Acidity in Hindi

  • खाना खाने के बाद हरीतकी या हरड़ चूर्ण में मिश्री मिलाकर खाने से एसिडिटी में आराम मिलता है और पाचन शक्ति बढ़ती है।
  • हरड़, दालचीनी और लौंग को एक गिलास पानी में उबाल कर पानी को छान लें। इस काढ़े का सेवन करने से पेट साफ होता है।

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पाचन शक्ति और भूख बढ़ाने में हरड़ के फायदे –
Benefits of Terminalia Chebula in Increasing Digestive Power and Appetite in Hindi

  • हरड़ का मुरब्बा या अचार खाने से भूख बढ़ती है और यह पाचन शक्ति को मजबूत करता है।
  • नींबू के अचार में हरड़ डाल दें और अचार के पकने या गलने के बाद प्रतिदिन अचारी हरड़ का सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ती है और भूख में वृद्धि होती है।
  • हरितकी चूर्ण में सौंठ व सेंधा नमक मिलाकर खाने से भूख व पाचन शक्ति बढ़ती है।

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बवासीर ठीक करने के लिए हरड़ का प्रयोग –
Use of Myrobalan or Terminalia Chebula or harad to Cure Piles in Hindi

त्रिफला या हरड़ के पानी से मस्सों को धोने से बवासीर में आराम मिलता है।

रुक रुक कर मूत्र आना या मूत्र रोग में हरड़ का प्रयोग –
Use of Terminalia Chebula in Intermittent Urination or Urinary Disease in Hindi

बढ़ती उम्र के साथ साथ मूत्र संबंधी रोग जैसे रुक रुक कर पेशाब आना, मूत्र में जलन, अल्प मात्रा में मूत्र आना अथवा देर से पेशाब आना आदि हो जाते है। इसके लिए हरड़, पाषाण भेद चूर्ण, गोखरू, यवासा और धान्यक को 2 गिलास पानी में उबाल लें, जब पानी की मात्रा एक गिलास रह जाए तो इसे ठंडा करके शहद मिला लें। इस काढ़े का आधा आधा कप दिन में तीन बार सेवन करने से मूत्र सम्बन्धी रोग ठीक हो जाते है।
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हाथीपांव रोग में हरड़ के फायदे –
Benefits of Harad in Hathipaon Disease in Hindi

अरंडी के 50 मि.ग्रा. तेल में 10 ग्राम हरितकी के चूर्ण में पकाकर खाने से हाथीपांव रोग में लाभ मिलता है। यह उपचार कम से कम एक सप्ताह से अधिक करना चाहिए।

कुष्ठ रोग या कोढ़ की बीमारी में हरड़ के फायदे –
Terminalia Chebula Benefits in Leprosy Disease in Hindi

हरड़ के चूर्ण का गौमूत्र के साथ प्रतिदिन सेवन करने से कोढ़ की बीमारी में लाभ मिलता है।
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नकलोही (नाक से खून आना) व रक्त पित्त में हरड़ के फायदे –
Benefits of Terminalia Chebula in Bleeding from Nose and Blood Bile in Hindi

शरीर में गर्मी होने के कारण यह बीमारी भी गर्मियों में होती है। कुछ लोगों को गर्मी के मौसम में नाक से खून आने की समस्या होती है।
  • अडूसा या वासा के रस में हरड़ व पीपली चूर्ण मिलाकर शहद के साथ सेवन करने से रक्तपित्त या नकलोही में लाभ मिलता है।
  • हरड़ के चूर्ण में शहद मिलाकर खाने से रक्त पित्त ठीक होता है।

सूजन होने पर हरीतकी के लाभ –
Benefits of Harad on Swelling in Hindi

  • हरड़ चूर्ण को गुड़ के साथ खाने से सूजन ठीक हो जाती है।
  • हरड़ के चूर्ण का गौमूत्र के साथ सेवन करने से सूजन मिट जाती है।

मधुमेह नियंत्रण के लिए लाभकारी हरड़ –
Terminalia Chebula Benefits for Diabetes Control in Hindi

मधुमेह आजकल आम बीमारी है। मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए शहद के साथ हरड़ चूर्ण का सेवन करना चाहिए।

दस्त रोकने के लिए लाभकारी हरीतकी –
Terminalia Chebula Beneficial to Prevent Diarrhea in Hindi

  • गुनगुने पानी के साथ पीपली चूर्ण व हरड़ चूर्ण देने से दस्त मिट जाते है। इससे मल त्याग में आसानी होती है और होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है।
  • कच्चे हरड़ के फल के गुदे का पेस्ट बनाकर दिन में तीन बार खाने से दस्त में लाभ मिलता है।
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खांसी व कफ में हरड़ के फायदे –
Benefits of Terminalia Chebula in Cough in Hindi

  • गुनगुने पानी के साथ हरड़ चूर्ण व सौंठ पाउडर का सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है और यह गले में जमा कफ को भी खत्म करता है।
  • हरड़ का काढ़ा बनाकर शहद के साथ सेवन करने से कफ में लाभ मिलता है।
  • हरड़, वासा, मुनक्का या बड़ी दाख और इलायची का काढ़ा सुबह शाम पीने से कफ ठीक हो जाता है और खांसी में भी आरामदायक है।

बुद्धि वर्धक औषधि हरड़ –
Brain Enhancer Medicine Terminalia Chebula in Hindi

हरड़ का सेवन खाने के साथ करने से दिमाग बढ़ता है। इसका सेवन खाने में अचार के रूप में किया जा सकता है।

त्रिदोष नाशक हरड़ –
Haritaki Henefits in Tridosh in Hindi

हरड़ एक त्रिदोष नाशक औषधि है। त्रिदोष यानि वात, कफ, पित्त। इसके लिए हरड़ को भून कर या तल कर खाना चाहिए। हरितकी पांचरस स्वाद होने के कारण तीनों दोषों को मिटाती है। त्रिदोष के लिए अलग से सेवन करने के लिए अलग अलग विधि हैं –
कफ –
कफ के लिए भूनी हुई हरड़ का नमक के साथ सेवन करना अधिक लाभकारी होता है।
वात –
मिश्री या शक्कर के साथ हरड़ या हरितकी का सेवन करने से वात रोग में लाभ मिलता है
पित्त –
भूनी हुई हरड़ को घी के साथ खाने से पित्त रोग में आराम मिलता है।
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यौन रोग व धातु रोग में हरड़ के फायदे –
Benefits of Terminalia Chebula in Sexual Diseases and Sperm Count Diseases in Hindi

प्रतिदिन एक महीने तक एक साबुत हरड़ को चूस कर खाने से शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है और यह सेक्स पावर में वृद्धि करता है। हरड़ के सेवन की यह विधि वीर्यवर्द्धक व शीघ्रपतन में लाभदायक है।
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छालों के लिए हरड़ के फायदे –
Terminalia Chebula Benefits for Ulceration in Hindi

हरड़ चूर्ण को पानी में डाल के कुल्ला करने से अथवा हरितकी को पीसकर छालों पर लगाने से छालों में आराम मिलता है।

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सावधानी –

कुछ परिस्थितियों में हरड़ का सेवन चिकित्सक की सलाह से करना चाहिए –
  • गर्भवती स्त्री व स्तनपान कराने वाली मां को हरड़ का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यह नुकसान दायक हो सकता है।
  • ऐसे व्यक्ति जो शारीरिक रूप से अधिक कमजोर है, उन्हें नियमित रूप से हरड़ का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • हरड़ का सेवन अधिक मात्रा में करना नुकसान देह हो सकता है।
  • हरड़ का सेवन कम उम्र के बच्चों को नहीं करना चाहिए। कम से कम 5 वर्ष तक के बच्चों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

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