बहेड़ा – एक परिचय
Introduction of Bastard Myrobalan
बहेड़ा (Terminalia Bellirica Benefits in Hindi) एक आयुर्वेदिक रसायन है।
आयुर्वेद में बहेड़ा का वर्णन है जिसका प्रयोग त्रिफला में किया जाता है। आंवला और हरड़ की तरह बहेड़ा भी त्रिफला के फलों में से एक है। त्रिफला का चूर्ण पेट सम्बन्धी रोगों में बहुत ही लाभकारी होता है। त्रिफला चूर्ण में तीनों फलों का अनुपात 1:2:3 में होता है। यह अनुपात क्रमश: हरड़(हरितकी), बहेड़ा (विभितकी) (Vibhitaki ke fayde in hindi) एवं आंवला (आमलकी) के रूप में होता है।
इन तीनों फलों के मिश्रण से त्रिफला चूर्ण बनाया जाता है जो पेट संबंधी रोगों में लाभदायक होता है।
आयुर्वेद में बहेड़ा फल का औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।
इस पेट के कीड़े मारने वाली औषधि माना जाता है।
बहेड़ा क्या है ?
What is Terminalia Bellirica in Hindi ?
इसका का वृक्ष भारत के समस्त क्षेत्रों में पाया जाता है। यह मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। बहेड़ा का पेड़ लंबा व बड़ा होता है। इस पेड़ की ऊंचाई लगभग 55 से 75 फीट होती है। बहेड़ा की छाया स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती है। इसके पत्ते देखने में बरगद के पत्ते के समान होते हैं। विभितक के पत्ते आकार में 4 से 7 इंच लंबे और 2 से 4 इंच चौड़े होते है। इसके कोमल पत्ते ताम्र रंग के तथा बड़े होने पर हरे रंग के होते हैं। इसके ताम्र रंग के नए पत्ते बसंत ऋतु में आते है। बहेड़ा में बैशाख माह में सफेद रंग के पुष्प आते है। इन पुष्पों में आने वाला फल जनवरी माह तक पक जाता है। विभीतक पुष्प ऊपर से पुल्लिंगी व नीचे से उभयलिंगी होता है। फूल से आने वाला फल अंडाकार होता है जो पकने पर भूरे रंग का होता है। यह फल आकार में लगभग एक इंच का होता है। बहेड़ा फल के बीज में एक गिरी भी होती है जो खाने मीठी व नशीली होती है। बहेड़ा के फल गुच्छे में आते है। इसकी छाल भूरे रंग की होती है।
बहेड़ा वृक्ष का समस्त भाग औषधि के रूप में उपयोगी होता है।
बहेड़ा की तासीर कैसी होती है?
How is the effect of Bahera?
विभितकी की तासीर गर्म प्रकृति की होती है।
बहेड़ा के औषधिय गुण
Medicinal properties of Bahera
यह त्रिदोषनाशक होता है।
त्रिदोष यानि, वात, कफ व पित्त रोग होते है जिसमें बहेड़ा लाभकारी औषधि है।
बहेड़ा अनेक पोषक तत्व जैसे – टेनिन, ग्लूकोज, बी- सिटोस्टेरोल, एथिल गेलेट, रेमनोज आदि होते है। बहेड़ा धातुवर्धक होता है और उत्तेजक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। बहेड़ा अनेक रोगों में औषधि के रूप में सेवन किया जाता है। यह बुखार, पाचन शक्ति बढ़ाने, अमाशय को मजबूत बनाने में, जलन, कफ, खांसी, काम शक्ति को बढ़ाने, कब्ज, मोतियाबिंद, दमा या श्वास रोग, पीलिया, दस्त, मूत्र रोग आदि में लाभदायक है।
विभितकी के फायदे –
Termialia bellirica benefits in hindi
श्वास की बीमारी या दमा रोग में बहेड़ा के फायदे-
Terminalia Bellirica Benefits in respiratory disease or asthma disease in hindi
- दमा की बीमारी में 500 ग्राम बहेड़ा का गुदा पीसकर छन लें। इसमें 10 ग्राम सोनागेरू व 20 ग्राम फुलाया हुआ नौसादर मिलाकर अच्छी तरह बारीक पीस लें। इस मिश्रण का प्रतिदिन सुबह शाम शहद के साथ सेवन करने से दमा रोग ठीक हो जाता है।
- हरीतकी व विभीतकी को पीसकर चूर्ण बना लें और मिश्रण का 5 ग्राम भाग नियमित सेवन करने से श्वास की बीमारी या दमा रोग में आराम मिलता है।
- हरड़ व बहेड़ा की छाल के चूर्ण का सेवन प्रतिदिन करने से दमा रोग ठीक होता है। इस चूर्ण का 5 ग्राम भाग नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।
- बकरी के दूध में बहेड़ा के छिलकों के चूर्ण का उबालकर गाढ़ा कर कर लें। जब इसका काढ़ा बन जाए तो इसे ठंडा करके शहद के साथ सुबह शाम सेवन करना चाहिए।
- बहेड़ा फल में से बीज निकाल दें और इसको प्रतिदिन चूसने से खांसी व दमा में आराम मिलता है।
- बहेड़ा की छाल में दोगुनी मात्रा में शहद मिलाकर सेवन करने से दमा या श्वास की बीमारी शीघ्र ठीक हो जाती है।
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खांसी को ठीक करे बहेड़ा –
Cure cough by Terminalia Bellirica in Hindi
- बहेड़ा को उबाल लें और उबले हुए बहेड़ा को चाशनी में डाल दें। साथ ही इसमें छोटी पीपली का चूर्ण भी डाल दें। इसे कुछ दिन पकने दें, जब इसका मुरब्बा बनकर तैयार हो जाए तो इसका प्रतिदिन सेवन करना चाहिए। यह खांसी में बहुत ही कारगर उपाय है।
- बहेड़ा का छिलका चूसने से भी खांसी ठीक हो जाती है।
- बकरी के दूध में बहेड़ा का चूर्ण, अडूसा या वासा के पत्ते कूटकर व थोड़ी मात्रा में काला नामक मिलाकर उबाल लें। इस काढ़े का सेवन करने से खांसी जल्दी ठीक हो जाती है और यह श्वास रोग में भी लाभकारी रहती है।
- एक चम्मच बहेड़ा चूर्ण में दो चम्मच शहद मिलाकर भोजनोपरान्त सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है। यह सूखी खांसी व दमा रोग में आराम देता है।
- बहेड़ा फल पर चारों ओर घी का अच्छे से लेप कर लें और गूंथे हुए आटे से बन्द कर दें। इसके चारों तरफ 2 से.मी. मोटा आटे का लेप करें। इसे आग पर पका लें। शरीर के तापमान के अनुसार ठंडा होने पर इसे खोलकर सेवन करने से दमा, खांसी व गले सम्बन्धी रोग ठीक हो जाते हैं।
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दस्त में आराम दे बहेड़ा –
Beleric Relieve in diarrhea in hindi
- बहेड़ा के फल को जलाकर उसकी राख बना लें और इसमें काला नमक डालकर शहद के साथ दिन में तीन बार सेवन करने से दस्त ठीक हो जाते हैैं।
- बहेड़ा फल को भून कर गुठली या बीज निकाल दें। इसका सेवन करने से दस्त में आराम मिलता है।
- लौंग व बहेड़ा के पेड़ की छाल को बारीक पीसकर शहद के साथ दिन में तीन बार सेवन करने से दस्त ठीक हो जाते हैं।
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बालों में बहेड़ा के फायदे –
Terminalia Bellirica Benefits in the hair in hindi
- बहेड़ा के फल की गिरी का बीज बालों पर लगाने से बाल स्वस्थ, सुंदर व मजबूत बनाता है।
- बहेड़ा के चूर्ण को रात को पानी में भिगो दें, सुबह इसका पेस्ट बालों पर लेप करें। सूखने पर बाल धो लें। इससे बाल स्वस्थ रहते है। यह बालों के लिए पौष्टिक आहार है।
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शरीर पर होने वाली जलन में बहेड़ा के फायदे –
Terminalia Bellirica Benefits in burning sensation on the body in hindi
बहेडे के बीज की गिरी पानी में पीसकर लगाने से अथवा बहेड़ा के गुदे को महीन पीसकर शरीर पर लगाने से जलन ठीक हो जाती है।
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नेत्र रोग में बहेड़ा के फायदे –
Benefits of Terminalia bellirica in eye disease in hindi
- बहेड़ा का छिलका बारीक पीसकर व बराबर मात्रा में मिश्री या शक्कर मिलाकर सुबह शाम गुनगुने पानी के साथ एक महीने सेवन करने से नेत्र ज्योति में वृद्धि हो जाती है।
- बहेड़ा का तेल, तिल का तेल, भांगरा का रस व विजयसार का काढ़ा लोहे के बर्तन में तेल में पकाकर सेवन करने से नेत्र ज्योति में लाभ होता है।
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हृदय रोग में लाभकारी बहेड़ा –
Terminalia Bellirica beneficial in Heart disease in hindi
अश्वगंधा चूर्ण में बराबर मात्रा में बहेड़ा का चूर्ण मिला लें।
इस मिश्रण का एक चम्मच भाग लेकर गुड़ के साथ गुनगुने पानी से सेवन करने से हृदय रोग में लाभ देता है।
पाचन शक्ति बढ़ाने में सहायक होता है बहेड़ा –
Terminalia Belliricais helpful in increasing digestive power in hindi
एक चम्मच बहेड़ा फल का चूर्ण खाना खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ती है और यह आमाशय को भी मजबूती प्रदान करता है।
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किडनी या फेफड़ों की पथरी व मूत्र रोग में विभीतकी के फायदे –
Benefits of Terminalia Bellirica in kidney or lung stones and urinary disease in hindi
बहेड़ा फल के गुदे का चूर्ण 5 ग्राम मात्रा में शहद के साथ सुबह शाम सेवन करने से पथरी में आराम मिलता है।
इसका नियमित सेवन मूत्र रोग में होने वाली जलन से भी लाभ देता है।
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उत्तेजना बढ़ाने व नपुंसकता के इलाज में बहेड़ा के फायदे –
Benefits of Beleric in increasing excitement and treating impotence in hindi
बहेड़ा एक उत्तेजक औषधि है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से काम शक्ति बढ़ती है।
बहेड़ा चूर्ण में दोगुनी मात्रा में देशी गुड़ मिलाकर सुबह शाम खाने से नपुंसकता रोग ठीक होता है व सम्भोग के लिए उत्तेजना बढ़ाता है।
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बुखार में बहेड़ा के फायदे –
Terminalia Bellirica Benefits in fever in hindi
जवासे व बहेड़ा के 50 मी.ली. काढ़े में एक चम्मच शुद्ध घी मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से बुखार ठीक हो जाता है।
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मल त्यागने में बहेड़ा के प्रयोग –
Use of Baheda in bowel movements in hindi
बच्चों को मल त्यागने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
ऐसे में छोटे बच्चों के लिए मल त्याग के लिए एक पत्थर पर बहेड़ा फल को घिस लें।
इसका आधा चम्मच मात्रा में एक चम्मच कच्चा ठंडा दूध मिलाकर पिलाने से मल त्याग हो जाता है और यह पेट साफ करता है।
पीलिया रोग में बहेड़ा के फायदे –
Benefits of Terminalia Bellirica in jaundice disease in hindi
बहेड़ा चूर्ण में शहद मिलाकर प्रतिदिन नियमित रूप से सुबह शाम सेवन करने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।
कब्ज ठीक करे बहेड़ा –
Healing constipation by beleric in hindi
आधा पका हुआ फल पीसकर सुबह शाम ठंडे पानी से सेवन करने से कब्ज दूर हो जाती है।
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कफ मिटाए बहेड़ा –
Terminalia Bellirica Benefits in cough in hind
बहेड़ा के पत्ते व मिश्री के काढ़े का सेवन करने से कफ मिट जाता है।
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