हरड़ का परिचय
Introduction of Harad
हरड़ (Harad ke Fayde In Hindi) एक रसायन हैं, इसे खाने की विधि हैं जो पूर्णतः वैज्ञानिक हैं। हरड़ का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए। आयुर्वेद में हरड़ का सेवन करना अमृत के समान है, अपने परिवार में हरड़ खाने की शुरुआत करें। हरड़ खाने के बहुत फायदे होते है। आयुर्वेद में त्रिफला में हरड़ का प्रयोग किया जाता है। त्रिफला के तीन फलों में हरड़ भी एक मुख्य है। इसके अलावा आंवला व बहेड़ा का प्रयोग भी त्रिफला में किया जाता है।
सेवन की दृष्टि से हरड़ साफ सुथरी, कठोर, वजनदार व पानी में डूबने वाली, गुड़ेदार होनी चाहिए। ऐसी हरड़ (Harad ke fayde in Hindi) सेवन के लिए उत्तम होती है। छोटी हरड़ का रंग काला और पकने पर भूरा रंग होता है। यह स्वाद में पांच तरह की होती है। हरड़ के अंदर मीठा, कड़वा, कसैला, तीखा व खट्टा होता है। इसमें नमकीन स्वाद को छोड़कर ये सभी पंचरस होते है।
हरड़ का वर्णन पुरानी पोस्ट में दिया गया है, जिसका लिंक नीचे दिया गया है –
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हरड़ सेवन विधि
Harad khane ka Time
1. ज्येष्ठ मास में हरड़े गुड़ से खाय।
2. सावन भादौ में सेंधा नमक से खाय।
3. क्वार कार्तिक में हरड़ को मिश्री से खाय।
4. मंगसर पौष में सोंठ से खाय।
5. माघ फागुन में पिपली से खावे।
6. चैत्र बैसाख में मधु से खाय।
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हरड़ का फल व पत्ते
हरड़ खाने के लाभ –
Benefits of Terminalia Chebula in Hindi
1 ज्येष्ठ मास में खाय तो खाँसी जाय।
2 आषाढ़ में खाय तो पेट साफ़ होय।
3 श्रावण में खाय नेत्र ज्योति बढ़े।
4 भादौ खाय तो कूवत होय।
5 आसोज क्वार में खाय तो बाल काले होय।
6 कार्तिक में खाय तो सब रोग हरे।
7 मंगसर में खाय तो पुरुषत्व बढ़े।
8 पौष में खाय तो पुष्ट होय।
9 माघ में खाय तो बुद्धि बढ़े ।
10 फाल्गुन में खाय तो दूर दृष्टि होय।
11 चैत्र में खावे तो अक्ल बढ़े ।
12 वैसाख में खाय तो भूली बात याद आवे।
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इसी विधि से बारहों महीने खाय तो शरीर मे रोग नहीं व्यापे।
शास्त्रों और आयुर्वेद में ऐसा कहा गया है कि –
यस्य माता स्वयं नस्ती, तस्य माता “हरितकी”।
कदाचित कुप्यते माता न उदरस्थ हरितकी ।।
अर्थ – जिसकी स्वयं की मां नहीं है उसकी मां हरड है, माता तो कभी गुस्सा भी हो सकती है, परन्तु पेट में गई हरड़ हमेशा लाभ ही करती है।
पेट के लिए हरड़ वरदान है जो पेट से संबंधी समस्त रोगों का निवारण करती है।
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Harad khane me konsi harad Leni chahiye chhoti ya badi Sek kar ya kachchi khani chahiyeSek kr to seke kis me ghee ya tel