इस नवरात्रि दे रहा है माता का वाहन ये संकेत हो जाये सतर्क वरना
ज्योतिषाचार्य पण्डित नीलमणि शास्त्री जी बताते है कि हर वर्ष नवरात्रि (Navratri 2020) श्राद्ध पक्ष के बाद आती है लेकिन इस बार ऐसा नही हुआ है । इस बार नवरात्रि ओर श्राद्ध पक्ष में एक महीने का समय रह गया है । इस बार अश्विन माह का अधिक मास होने के कारण ये एक महीने का अंतर है । इस अधिक मास में शुभ कार्य वर्जित बताये है । लेकिन फिर भी कुछ विशेष योग होने से अधिक मास में आवश्यक कार्य किये जा रहे है । इस बार नवरात्रि 17 अक्टूम्बर से प्रारम्भ होगी । इस दिन शनिवार होने से माता के नवरात्रो की घट स्थापना के समय देवी जी घोड़े पर सवार होकर आएगी ।
देवी भागवत ओर ज्योतिष के अनुसार घोड़े पर सवार होकर माता का नवरात्रि (Navratri 2020) में प्रवेश करना अच्छा नही बताया गया है ।
जब नवरात्रि में शनिवार और मंगलवार हो तो माता जी घोड़े पर सवार होकर आती है, जो कि देश और देश की जनता के लिए अशुभ संकेत है ।
ओर इसी के साथ ज्योतिषाचार्य पण्डित नीलमणि शास्त्री जी बताते है कि घोड़े के साथ माता का आगमन तो अशुभ है ही साथ ही माता का नवरात्रि के बाद प्रस्थान करना भी कोई शुभ संकेत नही दे रहा है ।
देवी जी का आगमन घोड़े पर ओर प्रस्थान भैसे पर होने से सभी के लिए हानिकारक ही सिद्ध होगा।
इस अनिष्ठ से बचने के लिए माता के भक्तों को कुछ उपाय करना ही चाहिये।
नवरात्रि के पहले दिन से ही गौ सेवा एवं शाम के समय सरसो तिल या जैतून के तेल का दीपक अपने पूजा के स्थान में जला कर रखना चाहिए ।
यथा शक्ति देवी जी को खीर हलवा का भोग लगाना चाहिए ।