शीत ऋतु में ठंड की वजह से बहुत सारी बीमारियां हो जाती है। ठंडे मौसम की वजह से (Health Treatment in Winter) गले में दर्द, खांसी, कफ, बुखार, जुकाम, सिरदर्द, चेहरे से संबंधित बीमारियां आदि उत्पन्न हो जाती हैं। सर्दी के मौसम में किन चीजों का प्रयोग किया जाना चाहिए, जिससे की बीमारियों से बचा जा सके।
वह सब हम आपको बताएंगे।
शीत ऋतु में रोग उपचार
Winter Disease Health Treatment in Hindi
सर्दियों में पित्त रोग का इलाज –
Treatment of gall disease in winter in Hindi
वर्षा ऋतु में एकत्रित का शरद ऋतु की वजह से प्रकोप होता है। इसलिए इस ऋतु में तमाम प्रकार के पित्त दोषों का जन्म होता है। इन दोषों पर रोकथाम लगाने के लिए कुछ कारगर साधन है। शरद ऋतु में विरेचन कर्मों द्वारा कोष्ठ का शोधन जरूर कर लेना चाहिए। कोष्ठ शोधन के लिए निशोथ के चूर्ण का 2-4 ग्राम की मात्रा में प्रयोग किया जाना चाहिए। हल्के कब्ज में गुलकंद देना चाहिए। ठंडे पानी से अविपत्तिकर चूर्ण एक चम्मच या 2 गोली आरोग्यवर्धिनी वटी की पीसकर सुबह शाम ठंडे पानी से देनी चाहिए।
• इस ऋतु में मधुर, लघु, ठंडा तथा तिक्त कषाय रस वाला, पित्त शामक भोजन अधिक मात्रा मे सेवन करना चाहिए। शरद ऋतु में तिक्त घी या तिक्त वस्तुओं से सिद्ध घी जैसे पंचतिक्त घी का प्रयोग किया जाना चाहिए। तिक्त रस वाली वस्तु व मधुर कषाय वस्तुओं का सेवन अधिक मात्रा में करना लाभकारी होता है। इन रसों से युक्त भोजन के सेवन से पित्त प्रकोप का खतरा नहीं होता है।
और पढ़ें – इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाये
रक्त विकार को कैसे ठीक करें
how to cure blood disorder
त्वचा का खून से गहरा संबंध है। यदि रक्त शुद्ध रहता है तो शरीर भी स्वस्थ रहता है तथा त्वचा भी दमकती है। स्वस्थ शरीर के लिए खून का साफ होना बहुत जरूरी है इसलिए खून साफ रखें।
नीम के पत्ते सर्वांग रक्तशोधक हैं। जिन लोगों में खून की खराबी हो हो उन्हें प्रतिदिन 15 दिन तक 5 नीम की नई लाल कोमल पत्तियां चबाना चाहिए। फिर तो कर दूर होकर रक्त का संचार प्रारंभ होता है।
प्रतिदिन दो चम्मच नीम का तेल पीने से खून साफ रहता है, त्वचा दाग धब्बे, कील मुंहासे रहित बनी रहती है।
पकी हुई नीम की निमोली चूसने से भी खून साफ होता है, नीम का फूल रक्त को शुद्ध करता है।
गाजर जहां रक्तवर्द्धक है, वही रक्तशोधक भी है। यह खून को साफ करके त्वचा संबंधी बीमारियों से शरीर की रक्षा करती है। कच्ची गाजर के रस का सेवन सर्दियों में प्रतिदिन करना चाहिए।
बथुआ भी रक्तशोधक है। यह शरीर में ताकत देता है। बिना मसाले वाला बथुआ के साग का सेवन निरंतर करते से शरीर में स्फूर्ति आती है।
कच्ची हल्दी की सब्जी का सेवन अथवा दूध में हल्दी पाउडर मिलाकर पीने से भी खून साफ होता है।
पैरों में फटी हुई बिवाई के लिए
Treatment For sowing cracked feet
सर्दियों में पैरों को बिवाई फट जाती हैं। इसके लिए प्रतिदिन बिवाई पर बरगद का दूध लगाना चाहिए। फटी हुई बिवाई के लिए बरगद का दूध बहुत ही लाभकारी होता है।
और पढ़ें – आयुर्वेद के नियम और परहेज
सर्दियों में जुकाम को कैसे ठीक करें
how to cure cold in winter in Hindi
सर्दी का मौसम (Health Treatment in Winter) शुरू होते ही खांसी जुकाम जैसे रोग शुरू हो जाते हैं। नाक का बहना, हल्का सा बुखार बना रहना, गले में खराश व सिर का भारी भारी बना रहना। ये सभी जुकाम के आगमन के लक्षण होते हैं। विपरीत आहार विहार, मौसम परिवर्तन, रात्रि जागरण, अत्यधिक रुदन, तीव्र गर्म अथवा ठंडी पदार्थों का सेवन, मल मूत्र आदि असाधारणिय वेगों को रोकने व प्यास लगने पर पानी नहीं पीने से जुकाम शुरू हो जाती है।
उपवास करने से जुकाम बहुत ही तेजी से ठीक होता है। इसलिए कम से कम तीन दिन तक उपवास करना चाहिए। इस दौरान केवल रस का सेवन करना चाहिए। उपवास के दिनों में रोज 2 लीटर गर्म पानी में नींबू का रस मिलाकर सेवन करने से जुकाम बहुत ही जल्दी ठीक हो जाता है।
जुकाम होने पर 10-12 तुलसी के पत्तों को सेंधा नमक के साथ पीसकर, सौंठ व पिसी हुई काली मिर्च के साथ पानी में उबाल लें। सोते समय इस उबाल को गरमागरम पी कर सो जाए। ऐसा मात्र दो दिन करने से जुकाम बिल्कुल ठीक हो जाता है। जुकाम होने पर नाक के आसपास सरसों के तेल लगाने से भी लाभ मिलता है।हल्दी को सरसों के तेल में पकाकर काला नमक मिला लें और इसको रोटी के साथ खाने से जुकाम ठीक हो जाती है।
सर्दियों में जुकाम होने पर दालचीनी का तेल व मिश्री खाने से व रुमाल पर कुछ बूंदे छिड़क कर सुंघाने से जुकाम ठीक हो जाता है।
दालचीनी के चूर्ण का सेवन चाय के साथ करने से भी जुकाम में लाभ मिलता है।
और पढ़ें – ब्रह्म रसायन के प्रयोग
सर्दियों में सिर दर्द को कैसे ठीक करें
how to cure headache in winter in Hindi
लगातार होने वाले सिर दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह किसी रोग का भी लक्षण हो सकता है। शीघ्र डॉक्टर से परामर्श लें और इलाज लेना चाहिए। सिर दर्द के लिए औषधीय उपचारों (Health Treatment in Winter) से काबू पाया जा सकता है। सिरदर्द को ठीक करने के लिए सबसे पहले उन चीजों से परहेज करना चाहिए जिनसे गैस या अम्ल बनता है – जैसे चाय, कॉफी, दूध, चाकलेट आदि। सुपाच्य आहार लेना चाहिए व अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही भरपूर नींद भी लेनी चाहिए।
हींग सिरदर्द में बहुत ही लाभकारी औषधि है। सिर दर्द होने पर हींग को चंदन की तरह पीसकर मस्तक पर लेप करना चाहिए। साथ ही थोड़ी सी मात्रा में पानी के साथ निगल लेनी चाहिए।
तरबूज के बीजों की मिंगी को खरल आदि में पानी के साथ खूब महीन घोंट लें। गाढ़ा लेप होने पर रोगी के मस्तक पर लगाने से पुराना सिर दर्द भी ठीक हो जाता है।
तुलसी के 20-25 पत्ते, 8-10 काली मिर्च व लहसुन की एक गांठ को थोड़े पानी के साथ पीस लें। बारीक पीसकर कपड़े से रस को छान लें और एक कांच की शीशी में रख लें। इस रस को प्रतिदिन सूंघने से पुराना सिर दर्द भी ठीक हो जाता है।
और पढ़ें – द्राक्षावलेह के प्रयोग
यौन शक्ति बढ़ाने में आयुर्वेद का उपचार
Ayurveda treatment to increase sexual power
300 ग्राम लहसुन को पीसकर उसमें 100 ग्राम शुद्ध शहद मिलाकर एक साफ शीशी में बंद करके रख दें। इसे किसी अनाज में एक महीने के लिए रख दें। एक महीने बाद प्रतिदिन 10 ग्राम की मात्रा में 45 दिन तक सेवन करने से यौन शक्ति में वृद्धि होती है।
और पढ़ें – अश्वगंधा के फायदे