ख़सख़स का परिचय
Introduction to Poppy
खस और खसखस (Poppy Seeds Amazing Benefits) दोनों एक ही होते है। आम तौर पर खस को ही खसखस भी बोला जाता है। यह देखने सफेद मटमैला जैसा दिखता है। यह छोटे छोटे दाने के रूप में सूजी जैसा प्रतीत होता है, जो एक राई के दाने के बराबर बड़ा होता है। खसखस का सेवन दूध के साथ किया जाता है, इसके अलावा खाने और रसोई में सब्जी आदि की ग्रेवी बनाने के लिए किया जाता है।
यह बाजार में आसानी से मिल जाती है। यह पंसारी की दुकान पर मिल जाती है। शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद में खसखस का अनेकों रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।
खसखस एक तरह से आयुर्वेदिक औषधि है। खसखस का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है।
इसके अलावा खसखस के पौधे की जड़ से परदे, पंखे आदि बनाए जाते हैं।
खस के अन्य भाषाओं में नाम
Names of Khas in other languages
भारत में खसखस को विभिन्न क्षेत्रों में अलग अलग नामों से जाना जाता है।
यह पोएसी कुल का पौधा होता है।
खसखस का अंग्रेजी नाम –
वेटियर ग्रास (Vetiver grass)
Khuskhus Name in Hindi –
खसखस को हिन्दी में खस या खसखस कहते हैं। इसके अलावा गनरार, वीरन मूल, बेना आदि नामों से भी जाता है।
संस्कृत भाषा में खसखस को वीरण, बहुमूलक, नलद, अमृणाल, समगन्धक, जलवास आदि नामों से जाना जाता है।
कन्नड़ में मुडिवाल,वेट्टीवेरू,
तमिल में उशीरम, वेट्टीवर
बंगाल में वेणर मूल, खसखस,
उर्दू में खस,
गुजराती में सुगंधीवालो,
तेलगु में वेट्टीवेरु, कुरुवेरू,
मराठी में वाला आदि नामों से जाना जाता है।
खसखस कहां उगाया जाता है?
Where is poppy grown?
भारत के अलावा यूरोपीय देशों, ऑस्ट्रेलिया, तुर्क आदि में भी खसखस की खेती की जाती है।
भारत में यह मूल रुप से दक्षिण भारत, राजस्थान, बंगाल, छोटा नागपुर आदि राज्यों में उगाया जाता है।
खसखस का सेवन किस मौसम में करना सही रहता है?
In which season is it right to consume poppy seeds?
स्वास्थ्य के लिए यह बहुत ही खास औषधि है। इसके अनेकों फायदे आपको देखने को मिल सकते हैं किंतु इसका सेवन किस ऋतु में करें इसके बारे में भी जानकारी होना अति आवश्यक है। वैसे इसके औषधीय गुणों के कारण इस वर्ष में कभी भी इसका प्रयोग किया जा सकता है, किंतु इसकी तासीर ठंडी होने के कारण इसका सेवन गर्मी के मौसम में करना अधिक फायदेमंद होता है। सर्दी के मौसम या मानसून में खसखस के सेवन से बचना चाहिए । गरमी के दिनों में खसखस से बने शरबत का सेवन करना चाहिए जो शरीर को ठंडक देता है। दूध के साथ भी खसखस का सेवन किया जाता है।
खसखस के रोगों में लाभ –
Benefits of poppy seeds –
आयुर्वेद में खसखस के औषधिय गुण बहुत होते हैं। खसखस सर्दी, खांसी ,ह्रदय रोग, त्वचा रोग, बुखार, धातुदोष, सिरदर्द, रक्त विकार, उल्टी पेशाब की जलन, सांस के रोग, पित्त विकार, शुक्राणु विकार, नेत्र रोग आदि कई रोगों में लाभदायक होता है।
खसखस में पाये जाने वाले पोषक तत्व
Nutrients found in poppy seeds
खसखस ग्रास पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें अनेकों प्रकार के तत्व पाए जाते है। खसखस में रेज़ीन, बीटा-वेटीवोन, खसिनॉल, जिजोनोइक अम्ल, कैल्शियम, और फेरस ऑक्साइड आदि पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
इसके बीज ओमेगा-6 फैटी एसिड, प्रोटीन, फाइबर का अच्छा स्रोत होते हैं। खसखस में विभिन्न प्रकार के फाइटोकेमिकल्स, विटामिन बी, थायमिन, कैल्शियम और मैगनीज भी मौजूद होते हैं। यह पोषण वाला आहार माना जाता है।
खसखस के फ़ायदे
Amazing Benefits of Poppy Seeds
आयुर्वेद के अनुसार खसखस शरीर को ठंडक प्रदान करने वाला होता है। इसकी तासीर ठंडी होने के कारण यह पेट संबंधी रोगों में फायदेमंद साबित होती है।
तो जानते हैं खसखस से होने वाले फायदों के बारे में –
एनीमिया रोग में खसखस के फायदे
Poppy Seeds Amazing Benefits in anemia disease
जिन लोगों के शरीर में खून की कमी होती है उनको 20-30 मिली खसखस का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से शरीर में एनीमिया या खून की कमी दूर होती है।
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आग की जलन में खसखस का प्रयोग
Use of poppy seeds in the burning of fire
आग से जलने पर खसखस के बीज भिगोकर लगाने से जल्द फायदा पहुंचाता है। इसका ठंडक देने वाला गुण बहुत जल्दी जलन में आराम देता है। जलने पर खसखस का प्रयोग किया जा सकता है।
इसके अलावा खसखस की घास को पानी में पीसकर लगाने से शीघ्र लाभ मिलता है।
खसखस को नारियल के तेल में मिलाकर जलन वाले स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।
अनिद्रा में खसखस के फायदे
Amazing Benefits of poppy seeds in insomnia
खसखस का सेवन शरीर में न्यूरोट्रांसमीटर का निर्माण कार्य है जो मस्तिष्क को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।
इसके सेवन से अनिद्रा जैसी समस्या खत्म हो जाती है।
इसके अलावा अनिद्रा रोगी को सोने से पहले पानी में 5-10 बूंद खसखस का तेल डालकर नहाना चाहिए। यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है। ऐसा करने से भी बहुत अच्छी नींद आती है।
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खसखस के सेवन सेवन से दूर करें अवसाद
Remove depression by consuming poppy seeds
अनिद्रा के साथ साथ खसखस का सेवन डिप्रेशन और स्ट्रेस को भी कम करता है। यह व्यक्ति की मानसिक स्थिति को मजबूती प्रदान करता है और दिमाग को स्वस्थ रखता है।
अवसाद को कम करने के लिए पानी में 5-10 बूंद खसखस का तेल डालकर नहाने से दिमाग ठंडा रहता है और इससे तनाव और अवसाद से कुछ हद तक राहत मिलती है।
बुखार में खसखस के फायदे
Amazing Benefits of poppy seeds in fever
खाना खाने के बाद 1-2 ग्राम खसखस का चूर्ण शहद या पानी के साथ सेवन करने से जल्दी आराम मिलता है।
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त्वचा संबंधी रोगों में खसखस के फायदे
Benefits of poppy seeds in skin diseases
खसखस का एन्टीऑक्सिडेंट, एन्टी-इंफ्लैमटोरी गुण और उच्च मात्रा में लिनोलेनिक एसिड त्वचा में संक्रमण होने से रोकता है।
खसखस को चेहरे पर लगाने से चेहरे पर कांति आती है।
त्वचा पर खस रूट का पाउडर शहद या दूध के साथ लगाने से लाभ मिलता है। ऐसा सप्ताह से तीन बार करने बहुत ही अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं।
बालों का झड़ना कम करता है खसखस
Poppy seeds reduce hair fall
खसखस में कैल्शियम की अच्छी खासी मात्रा होती है जो बालों का झड़ने से रोकती है और यह नए बाल उगाने में भी मदद करती हैं।
खसखस के इस्तेमाल से बाल चमकदार और मजबूत बनते हैं।
छाती के दर्द में खसखस के फायदे
Benefits of poppy seeds in chest pain
सीने में दर्द होने की समस्या के लिए 2-4 ग्राम खसखस की जड़ का बारीक चूर्ण बनाकर 500 मिग्रा पिप्पली की जड़ का चूर्ण मिला लें तथा घी के साथ सेवन करने से सीने के दर्द में लाभ मिलता है।
अधिक प्यास लगने की समस्या में खसखस के फायदे
Benefits of poppy seeds in the problem of excessive thirst
अगर किसी को ज्यादा प्यास लगती है या बार बार प्यास लगने की समस्या हो तो 2 से 4 ग्राम खसखस की जड़ को मुनक्का के साथ पीसकर पानी में डालकर पिलाना चाहिए। इससे अधिक प्यास लगने की समस्या में लाभ मिलता है।
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पेट में कीड़े खत्म करने के लिए खसखस का प्रयोग
Use of poppy seeds to eliminate worms in the stomach
छोटे बच्चों में अक्सर मिट्टी या गंदे हाथों से कोई वस्तु खाने के कारण पेट में कीड़े पड़ जाते हैं। बच्चों के अलावा बड़ों में भी यह समस्या हो सकती है। इससे राहत पाने के लिए 20-40 मिली खसखस का सेवन करना चाहिए। यह पेट के कीड़ों को मरने में लाभदायक होता है।
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मूत्र रोग में खसखस के फायदे
Benefits of poppy seeds in urinary disease
मूत्र संबंधित रोग पेशाब का कम आना अथवा नहीं के बराबर आना आदि रोग में 4 ग्राम खस की जड़ के चूर्ण को 10 ग्राम मिश्री मिलाकर सेवन करने से कम पेशाब आने की समस्या जल्द ठीक हो जाती है।
यह मूत्र के अन्य विकारों में भी लाभदायक रहता है।
खसखस, गन्ने और कुश की जड़ तथा रक्तचंदन के मिश्रण का काढ़ा बनाकर 20-25 मिली की मात्रा में सेवन करने से मूत्र रोग जैसे- पेशाब का रुक-रुक कर आना और पेशाब करने में दर्द आदि समस्या में आराम मिलता है।
मधुमेह रोग को नियंत्रित करने के लिए खसखस
Poppy seeds to control diabetes
खसखस से मधुमेह रोग को मिटाया नहीं जा सकता किंतु नियंत्रित किया जा सकता है। इसके प्रयोग से डायिबटीज को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके लिए 20 से 30 मिली खसखस की जड़ का सेवन करने से लाभ मिलता है।
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शरीर में मांसपेशियों के दर्द में खसखस के फायदे
Benefits of poppy seeds in muscle pain in the body
2 से 4 ग्राम खसखस की जड़ के चूर्ण में 1 ग्राम सौंठ चूर्ण मिलाकर मधु के साथ सेवन करने से हाथ, पैरों की ऐंठन और कंपकंपी की समस्या में लाभ मिलता है।
खसखस के तेल से शरीर में मालिश करने से मांसपेशियों की सूजन मिटती है।
इसमें पाया जाने वाला एंटी इंफ्लामेंट्री गुण मांसपेशियों के दर्द में लाभदायक होने के साथ साथ हड्डियों को मजबूत भी करता है।
मुँह के छालों में खसखस के फायदे
Benefits of poppy seeds in mouth ulcers
आम तौर पर देखा जाता है कि पेट की गड़बड़ी की वजह से मुंह में छालों की समस्या हो जाती है या फिर शरीर में पित्त की मात्रा अधिक हो जाने के कारण मुँह में छाले हो जाते हैं।
खसखस का सेवन मुँह के छालो से राहत पाने में मदद करता है।
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पित्तज विकारों में खसखस के फायदे
Benefits of poppy seeds in pittaja disorders
पित्तज रोगी को खसखस की 2-4 ग्राम जड़ के चूर्ण का सेवन करना चाहिए।
इससे पित्त रोग में लाभ मिलता है।
इसी प्रकार 5-10 मिली खसखस की जड़ के रस में मिश्री का चूर्ण या चीनी का बुरादा मिलाकर सेवन करने से पित्तोन्माद में आराम मिलता है।
खसखस के नुकसान
Disadvantage of poppy
खसखस का सेवन शरीर को ठंडक प्रदान करता है, लेकिन ठंड या जुकाम के मरीज के लिए इसका सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है। इसका अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए और सेवन करने से पहले चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली स्त्री को खसखस के सेवन से पहले चिकित्सक से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
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