वास्तु शास्त्र

Shubh Muhurt – ये है शुभ और अशुभ फल देने वाली तिथियां

Shubh Muhurt, Ashubh Muhurt शुभ और अशुभ फल देने वाली तिथियां ज्योतिष शास्त्र में किसी भी कार्य को आरंभ करने से पूर्व शुभ और अशुभ घड़ियां / तिथियां (Shubh Muhurt Tithiyan) देखना आवश्यक होता है। आइए ज्योतिषाचार्य पंडित निलेश शास्त्री से जानते हैं तिथियों और उनके स्वामियों के बारे में – चंद्र की एक कला […]

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AKSHYA TRITIYA – अक्षय तृतीया पर करे यह उपाय, खुल जायेंगे भंडार,

खुल जायेंगे भंडार, अक्षय तृतीया पर करे यह उपाय अक्षय तृतीया क्या है?What is Akshya Tritiya? वैशाख मास (Baishakh) शुक्ल पक्ष (Shukla Paksha) की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया (Akshya Tritiya) कहा जाता है। यह बहुत ही शुभ फलदायक तिथि मानी जाती है। इस दिन अबूझ मुहूर्त होते है, जिसमे सभी प्रकार के कार्य शुभ

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Holika Dahan | सुख समृद्धि के लिए होली पर करें ये उपाय

होली पर करें ये उपाय, बनी रहेगी सुख समृद्धि किसी भी शुभ कार्य को करने से पूर्व भद्रा (Bhadra) योग का ध्यान किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि शुभ कार्य भद्रा योग में नहीं किए जाने चाहिए। पुराणों में भद्रा को सूर्य की पुत्री और शनिदेव की बहन बताया गया है। भद्रा का

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देवगुरु बृहस्पति, बदलेगा कईयों का भाग्य, होगा सबको लाभ

देवगुरु बृहस्पति राशि परिवर्तन ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति एक बहुत महत्वपूर्ण ग्रह है। यह धनु व मीन राशि के स्वामी हैं, साथ ही कर्क राशि में उच्च के मकर राशि में नीच के माने गए हैं। इनके मित्र ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल हैं। देवगुरु के शत्रु बुध ग्रह व शनि व शुक्र सम्मित्र माने

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Vastu Dosh | मन्त्र के जाप से दिशा का होगा वास्तु दोष दूर

वास्तु दोष क्या है?What is Vastu Dosha? आजकल शायद ही कोई ऐसा घर हो जो वास्तु दोष से मुक्त हो। वास्तु दोष का प्रभाव कई बार देर से होता है, तो कई बार इसका प्रभाव शीघ्र असर दिखने लगता है। इसका कारण यह है कि सभी दिशाएं किसी न किसी ग्रह और देवताओं के प्रभाव

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मकर सक्रांति पर 59 वर्ष बाद पंच ग्रही योग

मकर सक्रांति पर 59 वर्ष बाद पंच ग्रही योग 14 जनवरी मकर सक्रांति (Makar Sankranti) को पंच ग्रह योग बनेगा 59 वर्ष ओर 118 वर्ष बाद मकर राशि में पंच ग्रह योग बनेगा, पंडित नीलेश शास्त्री ने बताया कि 14 जनवरी 1962 में भी यह योग बना था सूर्य शनि केतु बृहस्पति बुध की युति

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mauli or kalava | कलावा (मौली) क्यों बांधते हैं?

कलावा (मौली) का परिचय Introduction to Mauli or Kalava कलावा बांधना वैदिक परंपरा का हिस्सा है। इसे लोग कलावा (mauli or kalava) भी कहते हैंl यज्ञ के दौरान इसे बांधे जाने की परंपरा तो पहले से ही रही है, लेकिन इसको संकल्प सूत्र के साथ ही रक्षा-सूत्र के रूप में तब से बांधा जाने लगा,

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Original Crystal Quartz Diamond | असली स्फटिक की पहचान

असली स्फटिक की पहचान Original Crystal Quartz Diamond identification मार्केट में स्फटिक (Original Crystal Quartz Diamond) के नाम पर कांच की या प्लास्टिक की मालाएं मिलती हैं। लेकिन स्फटिक एक शुद्ध चमकिला पत्थर है। हाथ में लेने पर यह भारी और एकदम ठंडा लगेगा। इसकी चमक कभी भी खतम नहीं होती है। जब इसे रगड़ेंगे

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yagyopavit mantra | जनेऊ कान पर लपेटना जरूरी क्यों?

शौच के समय जनेऊ कान पर लपेटना जरूरी क्यों? Why is it necessary to wrap the thread on the ear during defecation? आम बोलचाल में यज्ञोपवीत (yagyopavit mantra) को ही जनेऊ कहते हैं। मल-मूत्र त्याग के समय जनेऊ को कान पर लपेट लिया जाता है। कारण यह है कि हमारे शास्त्रों में इस विषय में

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अगर आपके आस पास भी है ये 5 चीजें तो इन्हें आज ही हटा दें

अगर आपके आस पास भी है ये 5 चीजें तो इन्हें आज ही हटा दें वरना रहेंगे जीवन भर दुःखी If you have these 5 things around you, then remove them today or else you will be sad throughout your life आपको बता दे वास्तु शास्त्र के अनुसार अपने आस पास इन चीजों को नहीं

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अधिकमास में निंदित कार्य

 अधिकमास में निंदित कार्य  मलमास के रूप में निन्दित इस अधिक मास को पुरूषोत्तम ने अपना नाम देकर कहा है कि, अब मैं इस अधिक मास का स्वामी हो गया हूँ। अतः सम्पूर्ण विश्व इसको सर्वथा विशुद्ध मानेगा और मेरी सादृश्यता प्राप्त कर यह मास अब सभी मासों का अधिपति, विश्व-वन्द्य एवं जगतपूज्य होगा। इसमें

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