खुल जायेंगे भंडार, अक्षय तृतीया पर करे यह उपाय
अक्षय तृतीया क्या है?
What is Akshya Tritiya?
वैशाख मास (Baishakh) शुक्ल पक्ष (Shukla Paksha) की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया (Akshya Tritiya) कहा जाता है। यह बहुत ही शुभ फलदायक तिथि मानी जाती है। इस दिन अबूझ मुहूर्त होते है, जिसमे सभी प्रकार के कार्य शुभ फलदायक माने जाते हैं। इस दिन भगवान परशुराम का अवतार हुआ था तथा साथ ही 10 महाविद्या की देवी भगवती मातंगी का भी प्राकट्य महोत्सव अक्षय तृतीया को ही माना जाता है।
इस दिन अन्न का दान करने से घर में सुख, शांति व समृद्धि का वास होता है और मां लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है। यह एक अबूझ मुहूर्त होता है, अबूझ मुहूर्त होने के कारण सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित निलेश शास्त्री ने बताया कि इस बार 03 मई 2022 को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जायेगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित निलेश शास्त्री (Astrologer Pt. Nilesh Shastri) से जानिए
अक्षय तृतीया के विशेष उपाय
अक्षय तृतीया पर करे यह उपाय
(Shubh Akshya Tritiya in Hindi)
ज्योतिषाचार्य पं. निलेश शास्त्री के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन केसर और हल्दी से देवी लक्ष्मी (Laxmi Mata) की पूजा करने से आर्थिक समस्याएं कम होती है और धन का आगमन होने लगता है।
सोने चांदी (Gold Silver) की खरीदी करके भगवान के लिए आभूषण, लक्ष्मी नारायण (Laxmi Narayana) की चरण पादुका की स्थापना कर नित्य उनकी पूजन करने से घर में धन की कमी दूर होती है।
इस दिन भगवती मातङ्गी (Bhagvati Matangi) का प्राकट्य महोत्सव होता है, इस लिय भगवती की आवरण पूजन पुष्पार्चन (Pushparchan) वैदिक ब्राह्मणों द्वारा करवाना चाहिए, इससे घर परिवार की नकारात्मक शक्तियों समाप्त होने लगती हैं।
इस दिन पितरों की प्रसन्नता के लिए जल कलश, पंखा, खड़ाऊं, छाता, सत्तू, ककड़ी, खरबूजा आदि फल, शक्कर, घी आदि ब्राह्मण को दान करना चाहिए, इससे पितृ दोष कम होता है और पितृ देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
अक्षय तृतीया के दिन घर में पूजा स्थान में एकाक्षी नारियल स्थापित करें व 11 कोड़ी लाल वस्त्र में बांध कर रखने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
अक्षय तृतीया पर करें अन्न का दान
Donate the Grain to prosperity on Akshya Tritiya
महामारी के इस दौर में इस समय जिन लोगो को अन्न की आवश्कता है उनको अन्न का दान करके इस अक्षय तृतीया अपने परिवार के सुख शांति की कामना करें तथा गेहूं, जौ, चावल, सब्जियों का दान करें या गरीबों को भोजन करवाए।
दांपत्य जीवन में सुख पाने के लिय करे दश महाविद्या की उपासना
Worship of Bhagwati Matangi Devi for Happy Married Life
तंत्र सरस्वती देती है, सब को अभय का वरदान, दांपत्य जीवन का सुख, जन्म कुंडली के सभी दोषों का निवारण। आइए और जानते हैं मां मातङ्गी उपासक नीलेश शास्त्री से साधक से क्या होता है लाभ –
दश महाविद्या की 9वी देवी के रूप में भगवती मातङ्गी मां को पूजा जाता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित नीलेश शास्त्री ने बताया की भगवती मां की उपासना करने से दाम्पत्य जीवन में सुख की कमी नहीं रहती हैं। मां की उपासना करने से पूर्व गुरु दीक्षा और गुरु आज्ञा लेना आवश्यक होता है। भगवती की तंत्र को सरस्वती भी कहा जाता है, जो कोई भक्त माता जी के 12 अक्षर के मंत्र का जप करता है उसे दांपत्य जीवन में सुख अविवाहित का विवाह शीघ्र हो जाता है।
मां भगवती के हाथ में वीणा है और तोते पर विराजमान रहती है।
माता जी वाक् सिद्धि वाद सिद्धि का आशीर्वाद देती है।
भविष्यवक्ता पंडित नीलेश शास्त्री ने बताया कि माता जी प्राकट्य उत्सव अक्षय तृतीया को मनाया जाता है।
भगवती को नील सरस्वती सुमुखी (Neel Saraswati Sumukhi), लघुश्यामा या श्यामला (Laghu Shyama or Shyamla), राज-मातंगी (Raj Matangi), कर्ण-मातंगी (Karna Matangi), चंड-मातंगी (Chand Matangi), वश्य-मातंगी (Vashya Matangi), मातंगेश्वरी (Matangeshwari) आदि नामों से जाना जाता है।
इनकी उपासना विशेष रूप से गुप्त नवरात्रि में करते हैं।
गुप्त नवरात्रि के 9वे दिन पूजन व साधना उपासना की जाती है।
तंत्र और काला जादू वशीकरण आकर्षण सभी का निवारण करती है।.
भगवती का प्राकट्यमहोत्सव
Maa Bhagvati Prakatya Mahotsav
भगवती मातंगी माता (Matangi Devi) का प्राकट्य महोत्सव अक्षय तृतीया को मनाया जाता है भविष्यवक्ता पंडित नीलेश शास्त्री ने बताय की वैशाख मास की शुक्ल पक्ष को अक्षय तिथि आती है, उस दिन भगवान परशुराम जयंती (Parshuram Jayanti) और भगवती मातंगी का प्राकट्य महोत्सव मनाया जाता है। इस बार प्राकट्य महोत्सव 03 मई शुक्रवार को मनाया जाएगा इसी दिन जो भक्त माता जी की विशेष आराधना करता है उसके जीवन में सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं।
माँ भगवती मातंगी देवी महामन्त्र
Maa Matangi Mahamatra
ॐ ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा
सभी सुखों की प्राप्ति के लिय मंत्र:
Mantra for Happy Life
क्रीं ह्रीं मातंगी ह्रीं क्रीं स्वाहा:
आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए मंत्र:
Mantra for Strong Economic Condition
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं महा मातंगी प्रचिती दायिनी,लक्ष्मी दायिनी नमो नमः।
।। ॐ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा ।।
विवाह में हो रही है देरी तो यह करे उपाय
Ideas for Late Marriage
ज्योतिषाचार्य पं. नीलेश शास्त्री के अनुसार दुर्गा सप्त सती का मातङ्गी माता के द्वादश अक्षर का संपुट लगा वैदिक ब्राह्मणों द्वारा पाठ करवाए तो विवाह में आने वाली बाधा समाप्त हो जाती है।
दमाप्त्य जीवन में सुख पाने के लिए
Mantra for Happy Married Life
भगवती मातङ्गी के 36 अक्षर के मंत्र का जप करवाए 36 लाख से अधिक जप करवाने से दांपत्य जीवन में सुख मिलने लगेगा।
मोगरे के पुष्पों से माता जी का पुष्पार्चन तथा आवरण का पूजन करें।
वाक सिद्धि के लिए
For Vak Siddhi
महामंत्र का जाप करते समय शहद से दशांश हवन करने पर वाक् सिद्धि प्राप्त होती है।
तंत्र समाप्ति के लिए
For Tantra Vidhya
भगवती मातङ्गी के बीज मंत्र से दुर्गा सप्तशती के पाठ करने से सभी प्रकार का तंत्र होने लगता है।
नोट :
भगवती मातङ्गी के विशेष उपाय उस ब्राह्मण से करवाना चाहिए जो भगवती मातंगी का साधक हो जो इन्हें महा मंत्रों को सिद्ध किया हुआ हो, जो यह उपाय काम करते हैं।
Aayushyamaan Bhav
आयुष्यमान भवः
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Astrologer Pt. Nilesh Shastri- 9265667532
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