मकर सक्रांति पर 59 वर्ष बाद पंच ग्रही योग
14 जनवरी मकर सक्रांति (Makar Sankranti) को पंच ग्रह योग बनेगा 59 वर्ष ओर 118 वर्ष बाद मकर राशि में पंच ग्रह योग बनेगा, पंडित नीलेश शास्त्री ने बताया कि 14 जनवरी 1962 में भी यह योग बना था सूर्य शनि केतु बृहस्पति बुध की युति हुई थी ओर यह युति मकर संक्रांति से करीबन 20 दिन तक चली थी, इस अंतराल में चंद्र की युति हुई ओर षट ग्रह योग बना था।
इतिहास
1962 में भारत चीन युद्ध कोन भूल सकता है जब जब मकर राशि में शनि के साथ सूर्य की युति होती है तो दशकों तक युद्ध ओर बीमारी अकाल जैसी स्थिति होती है इसका असर दशकों तक रहता है।
14 जनवरी 1903 में मकर सक्रांति के पर्व पर यह पंच योग बना था सूर्य शनि गुरु बुध शुक्र की युति से यह योग बना था ओर यह योग करीबन 29 दिन तक चला उस समय भारतवर्ष अंग्रेजो का गुलाम था।
59 वर्ष बाद आज 14 जनवरी 2021 में सूर्य शनि गुरु बुध ओर चंद्र की मकर राशि युति में यह पंच ग्रह योग बन रहा है, इस वर्ष 2020 21 के हालात इस सम्वत 2077 के आरम्भ से आम जनता रोग ओर आर्थिक तंगी से जूझ रही है।
जब मकर राशि में सूर्य शनि के साथ पंच ग्रह योग मकर संक्रांति पर्व पर बनते हे तो इसका असर दशकों तक रहता है ओर राजनीति व्यापार आदि पर असर करता है, सूर्य के साथ होने से पंच ग्रह योग का अधिक दुष्प्रभाव तो नहीं होगा, पर कुछ असर जरूर करेगा।
जब कभी सूर्य शनि की युति मकर राशि में होती है तो उससे कुछ वर्षो पूर्व ओर 6 वर्षो तक आम जनता परेशान रहती है।
शनि का मकर राशि प्रवेश का इतिहास
पंडित निलेश शास्त्री ने बताया कि
शनि एक राशि में लगभग ढाई साल तक रहते हैं।
इसके राशि परिवर्तन से साढ़ेसाती आरंभ हो जाती है।
शनि के एक राशि में ढाई साल तक समय बिताने के लिहाज से सभी 12 राशियों का एक चक्कर लगाने में लगभग 30 साल का समय लगता है। जैसे कि इस समय शनि मकर राशि में गोचर है अब दोबारा मकर राशि में आने के लिए शनि को 30 वर्षों का समय लगेगा।
कब कब बना पंच ग्रह योग
शास्त्री के अनुसार
पंच ग्रह योग सन 1962 की 14 जनवरी को मकर राशि में संक्रांति पर भी रहा था।
सूर्य शनि केतु बृहस्पति बुध से यह योग बना था, इस दिन विक्रम संवत 2018 पौष मास शुक्ल पक्ष नवमी तिथि थी।
नक्षत्र अश्विनी योग साध्य करण बालव था।
1903 में भी यह योग मकर राशि में बना था।
सूर्य शनि गुरु बुध शुक्र से विक्रम संवत 1959 मघा मास प्रथम, कृष्ण पक्ष नक्षत्र, पुष्य योग, विश्कुम्भकरण कौलव था।
चतुर्थ ग्रह योग कब बना
मकर राशि में सन् 1963 में 14 जनवरी की यह योग बना था। शनि, सूर्य, केतु, बुध से चतुर्थ ग्रह योग बना था।
अब यह योग 2080 में बनेगा।
14 जनवरी 2080 में गुरु सूर्य शनि बुध की युति से यह योग बनेगा।
2021 के बाद 2051 में चंद्र सूर्य शनि की युति होगी।
सक्रांति पर पंच ग्रह योग से राशियों पर असर
मेष – इष्ट सिद्ध
वृषभ – धर्म लाभ
मिथुन – शारीरिक कष्ट
कर्क – सम्मान में वृद्धि
सिंह – भय चिंता
कन्या – धन लाभ
तुला – मानसिक चिंता
वृश्चिक – धन गमन सुख शांति
धनु – धन लाभ
मकर – लक्ष्मी प्राप्ति
कुंभ – लाभ
मीन – मान सम्मान में वृद्धि
पंच ग्रह योग का फल
देशभर मे सफेद वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी होगी जैसे चांदी दूध शक्कर चावल आदि ब्राह्मणों वर्ग का सम्मान बढ़ेगा, सन्यासी ओर किसानों की परेशानियां बढ़ेगी, शासन के प्रति विरोध की सम्भावना है, रोग में वृद्धि होगी, सर्दी बढ़ेगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित नीलेश शास्त्री –
9265667532