पीपल पूर्णिमा पर अबूझ मुर्हूत, होगी धन वर्षा
Peepal Purnima in Hindi
बुद्ध पूर्णिमा 2021 (Buddha Purnima 2021)
वैशाख मास की पूर्णिमा पीपल पूर्णिमा होती है, इसे बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima in hindi) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के रूप में पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है और सुहागिन स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित नीलमणि शास्त्री (Astrologer Pt. Neelmani Shastri) के अनुसार
इस वर्ष पीपल पूर्णिमा 26 मई बुधवार को मनाई जाएगी। पूर्णिमा का प्रवेश 25 मई की रात्रि को होगा और 26 मई को पूरे दिन पूर्णिमा रहेगी।
भारत की वनस्पति में प्रत्येक वृक्ष किसी न किसी रूप में उपयोगी होता है, किंतु पीपल का वृक्ष हर मायने में लाभ व शुभ फल देने वाला होता है। वैज्ञानिकों के मतानुसार पीपल का वृक्ष सर्वाधिक ऑक्सीजन का निर्माण करता है।
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पीपल के पेड़ में भगवान वास
ज्योतिषाचार्य पंडित नीलेश शास्त्री (Astrologer Pt. Nilesh Shastri) के अनुसार
जहां पीपल से कई तरह की जीवन रक्षक औषधि बनती है, वहीं दूसरी तरफ इस वृक्ष में भगवान का वास भी माना जाता है। पीपल के पेड़ की जड़ में भगवान श्री विष्णु, तने में श्री कृष्ण, शाखाओं में भगवान श्री नारायण, पत्तों में भगवान श्रीहरि और फल में सब देवताओं से युक्त अच्युत निवास करते हैं।
यह वृक्ष मूर्तिमान भगवान श्री लक्ष्मीनारायण स्वरूप है।
ज्योतिषाचार्य पंडित नीलमणि शास्त्री (Astrologer Pt. Neelmani Shastri) बताते हैं कि
इस वृक्ष को कभी काटना नहीं चाहिए, यह शास्त्रों के अनुसार अपराध होता है।
यज्ञ में हवन करने के लिए पीपल की लकड़ियों का ही प्रयोग किया जाता है।
बुध पूर्णिमा (Buddha Purnima) का विशेष महत्व
यदि बुद्ध पूर्णिमा के रूप में देखा जाए तो हिंदू धर्म में बुध पूर्णिमा (Buddha Purnima) का विशेष महत्व है। वैशाख महीने में पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। यही कारण है कि इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बौद्ध अनुयायियों के साथ-साथ हिंदुओं के लिए भी बहुत खास महत्व रखता है।
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हिन्दू धर्म के अनुसार गौतम बुद्ध को भगवान श्री विष्णु का 9वां अवतार माना जाता है।
इस दिन पीपल पूर्णिमा (Peepal Purnima in Hindi) के साथ बुध पूर्णिमा भी है,
बुध पूर्णिमा (Budh Purnima in Hindi) के दिन पीपल की पूजा करने से माँ लक्ष्मी की कृपा रहती है ।
ज्योतिषाचार्य पंडित नीलेश शास्त्री (Astrologer Pt. Nilesh Shastri) ने बताया कि
वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह-सुबह पीपल के वृक्ष पर देवी लक्ष्मी का आगमन होता है।
इस कारण से पीपल की पूजा करनी बहुत लाभप्रद होती है तथा इससे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।
पीपल की तीन परिक्रमा करने और जल चढाने पर दरिद्रता, दु:ख और दुर्भाग्य का नाश होता है।
इस दिन पीपल के वृक्ष की विधिवत पूजा कर परिक्रमा करने से घर मे सुख शांति और सूर्य, शनि, मंगल ग्रह के दोषों का निवारण होता है।
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इस वर्ष पीपल पूर्णिमा पर सूर्य वृष ओर चंद्र वृश्चिक राशि पर होंगे। इस दिन विवाह और मांगलिक कार्यों के लिए चन्द्र सूर्य गुरुबल देखने की आवश्यकता नहीं होती है। शास्त्रों के अनुसार पीपल पूर्णिमा अबूझ दिन बताया गया है।
इस दिन व्यापार प्रारम्भ, गृहप्रवेश, विवाह, वाहन क्रय- विक्रय, सगाई जैसे मांगलिक कार्य शुभ होते हैं।
विवाह में हो रही है देरी तो कन्या करें ये उपाय
यदि किसी कन्या की अधिक आयु होने पर भी विवाह नहीं हो रहा है तो करें ये उपाय जल्द ही बनेगी विवाह की बात
वर्तमान समय मे कन्या विवाह के लिए अच्छा रिश्ता मिलना मुश्किल हो जाता है या ग्रहों के दोष के कारण विवाह में बाधा आती है, तो इस पीपल पूर्णिमा पर अविवाहित कन्या को भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने विधिवत पूजा कर पीपल के वृक्ष की चार परिक्रमा करनी चाहिए और भगवान विष्णु से अपने विवाह की कामना करनी चाहिए।
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ज्योतिषाचार्य पंडित नीलमणि शास्त्री –7891-1008-11
ज्योतिषाचार्य पंडित नीलेश शास्त्री– 9265-66-7532