सर्दियों के मौसम (Winter Vegetables in Hindi ) में अनेकों तरह की बीमारियां शरीर में घर कर लेती हैं। इसका मुख्य कारण है तेज ठंड। सर्दी की वजह से होने वाली बीमारियों में खांसी, जुकाम, बुखार आदि मुख्य हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए सर्दियों में खान-पान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है।
इस मौसम में धूप न निकलने के कारण विटामिन डी की कमी हो जाती है और रक्त कोशिकाएं संकुचित हो जाती हैं जिसके कारण रक्त का संचार अच्छी तरह नहीं होता है। इस कारण से सर्दी के मौसम में साग खाने की सलाह दी जाती है।
हरे सागों में पालक, चना, बथुआ, सरसों, मेथी, गुल्फा, चंदेला आदि (Winter Vegetables in Hindi ) को खाने की सलाह दी जाती है। ये सभी साग न केवल स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भी होते हैं। इस मौसम में पाए जाने वाले कुछ साग ये हैं –
सरसों का साग
Green Mustard Leaves (Winter Vegetables in Hindi)
सरसों का साग गांवों में खेतों में बहुत ही आसानी से मिल जाता है। खासकर यह साग राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश में बहुतायत से उगाया जाता है। इसका साग खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है। पंजाब में एक कहावत है “मक्के दी रोटी, सरसों दा साग”।
इसके साग में कैलोरी, फैट, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, शुगर, पोटेशियम, विटामिन ए, बी १२, सी, डी, मैग्नीशियम, आयरन और कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है। सरसों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स तत्व शरीर से विषैले पदार्थो को दूर करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। सरसों के साग में फाइबर की प्रचुर मात्रा होने के कारण यह पाचन क्रिया को मजबूत करती है। यह हृदय रोगों में लाभकारी होता है।
पालक के लाभ
Spinach Benefits in Hindi
इसकी सब्जी बाजार में सर्दियों के मौसम में बहुत ही आसानी से मिल जाती है। ठंड के मौसम में होने वाली यह प्रमुख सब्जी है। यह सभी जगह आसानी मिलने वाली सब्जी है। वैसे तो पालक की हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए मुख्य रूप से काम में लेते हैं, लेकिन पालक की सब्जी इसके अलावा बहुत ही लाभकारी होती है।
पालक का सेवन कच्चा, रस, सब्जी, सलाद आदि कई प्रकार से किया जाता है। इसका सेवन मानव शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। शरीर में खून की कमी को पूरा करता है। इसके अलावा शरीर में आयरन की कमी को भी पूरा करता है।
पालक में पाए जाने वाले प्रमुख खनिजों में कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, फाइबर और खनिज लवण आदि मुख्य हैं। पालक में पाए जाने वाले विभिन्न खनिज लवणों में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन तथा विटामिन ए, बी, सी आदि प्रमुख हैं। ये खनिज पालक में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
मेथी का साग
Fenugreek Greens in Hindi
सर्दी का मौसम आते ही मेथी की सब्जी बाजार में खूब दिखने लगती है। भारत में सभी स्थानों पर मेथी की पैदावार खूब होती है, इस कारण यह सब्जी अधिक मात्रा में देखने को मिलती है। इसकी सब्जी और बनने वाले पराठे बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक होते है तथा स्वास्थ्य के लाभकारी होते हैं। मेथी की तासीर गर्म प्रकृति की होती है, इस कारण इस ठंडे मौसम में बहुत खाया जाता है।
मेथी साग में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, पोटेशियम, आयरन आदि खनिज तत्व मौजूद होते हैं। मेथी की हरी भाजी में फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। मेथी का सेवन उदर विकारों को ठीक करता है। यह उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अपच आदि रोगों में लाभकारी होती है।
चौलाई का साग
Amaranth Greens in Hindi
हरे पत्तेदार सब्जियां स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी मानी जाती हैं और इन हरी पत्तेदार सब्जी में चौलाई की सब्जी भी सर्दी के मौसम में मिलती है। चौलाई में पाए जाने वाले प्रमुख तत्वों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन-ए, मिनिरल और आयरन आदि प्रमुख हैं।
चौलाई के हरे पत्ते की सब्जी के सेवन से शरीर में होने वाले विटामिन की कमी को पूरा किया जाता है। यह कफ और पित्तनाशक होता है और यह रक्त विकार को भी दूर करता है। उदर रोग और कब्ज के लिए चौलाई का साग बहुत लाभकारी माना जाता है।
बथुआ का साग
Bathua Greens in Hindi
बथुआ का साग सर्दियों के मौसम में बड़ी ही आसानी से मिल जाता है। यह एक प्रकार का खरपतवार होता है, जिसे उगाया नहीं जाता, यह स्वयं ही खेतों में अन्य फसलों जैसे गेहूं, सरसों, चना आदि के साथ उग आता है। बथुआ के स्वादिष्ट हरे साग में कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं।
इस साग में बहुत से खनिज जैसे विटामिन ए, कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसका उपयोग अनेकों रोगों के निवारण में किया जाता है। इसके साग को नियमित खाने से कई रोगों को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। यह पथरी, गैस, पेट में दर्द और कब्ज की समस्या आदि को दूर करता है।
बथुआ के नुकसान
बथुआ का अधिक मात्रा में सेवन डायरिया जैसी समस्या उत्पन्न कर सकता है। (Winter Vegetables in Hindi )
चने का साग
Chickpea Greens in Hindi
सर्दी के मौसम की प्रमुख फसलों में चना एक प्रमुख फसल है। इसका साग सर्दियों में आसानी से बाजार में मिल जाता है। चने के साग के साथ बाजरे की रोटी के स्वाद का कहना ही क्या। चने का साग खाने में जितना पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है उतना ही फायदेमंद भी होता है।
चने के साग में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन,फाइबर, कैल्शियम, आयरन व विटामिन प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। यह कब्ज, डायबिटिज, पीलिया आदि रोगों में लाभकारी होता है। चने का साग प्रोटीन की कमी को पूरा करता है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन होती है।
गाजर के पत्ते या गजरा साग
Carrot Leaves or Gajra Saag in Hindi
सर्दियों के मौसम का एक खास साग है गाजर के पत्ते। जिसे आम बोलचाल में गजरे का साग भी कहते है। इसके साग में एक अलग ही सुगंध आती है और इसका साग खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगता है। खासकर जब राजस्थानी अंदाज में आलन का साग बनाया जाए, तब यह स्वाद को दोगुना कर देता है। आसानी के किसी भी सब्जी बाजार में सर्दियों के मौसम में यह सब्जी मिल जाती है। गजरे का साग अनेकों रोगों में लाभकारी होता है। यह किडनी, लिवर और हृदय संबंधी अनेकों रोगों में फायदेमंद साबित होता है। इसके सेवन से धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
इस साग में क्लोरोफिल की अधिक मात्रा होती है। क्लोरोफिल मानव शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद तत्व है। क्लोरोफिल शरीर में रेड ब्लड सेल्स की मात्रा बढ़ाता है। गाजर की पत्तियों में ढेर सारे मिनरल्स और विटामिन्स पाए जाते हैं। मानव शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। गाजर की पत्तियों में विटामिन सी की सबसे ज्यादा मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा विटामिन K और विटामिन A भी अच्छी मात्रा में होता है। इसमें मिनरल्स पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फाइबर आदि पाए जाते हैं।