प्रथम गुरु पुष्य नक्षत्र 28 जनवरी को
सन 2021 की शुरुआत पुष्प नक्षत्र में हुई ओर 28 जनवरी को प्रथम गुरु पुष्प (Guru Pushya) नक्षत्र आ रहा है पुष्प नक्षत्र के साथ इस दिन गुरुवार होने से यह गुरु पुष्प नक्षत्र के नाम से मनाया जाएगा इस पौष पूर्णिमा का दिन होगा ओर मकर राशि में 4 ग्रह की युति होगी ओर चतुर्थ ग्रह योग बनने जा रहा है पौष मास की पूर्णिमा को चन्द्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है। इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है। शनि ग्रह मकर राशि में गुरु सूर्य शुक्र के साथ युति करेगा गुरु पुष्प नक्षत्र 28 बजे तक रहेगा इस दिन शुक्र ग्रह का प्रातः 5 30 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश होगा
सत्ताइस नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र है पुष्य। सभी नक्षत्रों में इस नक्षत्र को सबसे अच्छा माना जाता है। सभी नए सामान की खरीदारी, सोना, चांदी की खरीदारी के लिए पुष्य नक्षत्र को सबसे पवित्र माना जाता है। पुष्य नक्षत्र को नक्षत्र का राजा माना जाता है ।
चंद्रमा धन का देवता है, चंद्र कर्क राशि में स्वराशिगत माना जाता हैं। बारह राशियों में एकमात्र कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है और पुष्य नक्षत्र के सभी चरणों के दौरान ही चंद्रमा कर्क राशि में स्थित होता है। इसके अलावा चंद्रमा अन्य किसी राशि का स्वामी नहीं है। इसलिए पुष्य नक्षत्र को धन के लिए अत्यन्त पवित्र माना जाता है।
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