मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर दो दिन करे दान स्नान 13 व 14 को
ज्योतिषाचार्य पंडित नीलेश शास्त्री ने बताया कि मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से एक दिन पूर्व ही पौष अमावस्या आ रही है। 13 जनवरी को पौष अमावस्या रहेगी, उस दिन भी तीर्थो में स्नान की महिमा है। पितृ को शांति के लिए तर्पण आदि कर सकते है। 14 जनवरी की मकर सक्रांति का पर्व है, इस दिन दान का विशेष महत्व होता है, नवग्रह के दोष निवारण हेतु इस बार दान करे। क्योंकि 5 ग्रह मकर राशि में ओर शुक्र धनु में मंगल स्वराशि मेष में विराजमान है, इस समय 5 ग्रहों के लिए दान करे तो बहुत अच्छा रहेगा। सूर्य चंद्र बुध गुरु शनि मकर राशि में रहेगें। अशुभ प्रभाव से बचने के किय दान करना चाहिए। 14 जनवरी को इनके निमित दान करे ओर अशुभ प्रभाव बचा जा सकता है
नवग्रह का दान
सू्र्य :
दान सामग्री-
लाल वस्त्र, गुड़, माणिक्य, गेहूं, मसूर की दाल, लाल पुष्प, केसर, तांबा, स्वर्ण, लाल गाय आदि।
दान का समय- सूर्योदय
हवन समिधा- आक (अकाव)
चंद्र :
दान सामग्री-
श्वेत वस्त्र, चावल, शकर, सफेद पुष्प, कर्पूर, दूध, दही, चांदी, मोती, शंख, घी, स्फटिक आदि।
दान का समय-संध्या
हवन समिधा-पलाश
मंगल :
दान सामग्री-
लाल वस्त्र, गुड़, मूंगा, लाल पुष्प, केसर, तांबा, रक्त चंदन, मसूर की दाल आदि।
दान का समय- सूर्योदय से 5 घड़ी के बाद पूरा दिन
हवन समिधा- खैर
बुध :
दान सामग्री-
हरा वस्त्र, साबुत मूंग, हरे फल, पन्ना, कांस्य, किताबें।
दान का समय- सूर्योदय से 5 घड़ी के बाद पूरा दिन
हवन समिधा- अपामार्ग
गुरु :
दान सामग्री-
पीला वस्त्र, स्वर्ण, पुखराज, साबुत हल्दी, गाय का घी, चने की दाल, पीले पुष्प, पीले फल आदि।
दान का समय- संध्या
हवन समिधा- पीपल
शुक्र :
दान सामग्री-
श्वेत वस्त्र, श्रृंगार की वस्तुएं, हीरा, स्फटिक, चांदी, चावल, शकर, इत्र, श्वेत चंदन, श्वेत पुष्प, दूध, दही आदि।
दान का समय- सूर्योदय
हवन समिधा- गूलर
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शनि :
दान सामग्री-
काला वस्त्र, उड़द दाल, काले तिल, तिल का तेल, चमेली का तेल, सरसों का तेल, लोहा, छाता, चमड़े, नीलम, कंबल आदि।
दान का समय- मध्यान्ह काल
हवन समिधा- शमी
राहु :
दान सामग्री-
काला या नीला वस्त्र, उड़द दाल, तेल से भरा ताम्रपात्र, सूपड़ा, कंबल, सप्तधान्य, गोमेद, खड्ग आदि।
दान का समय- रात्रि
हवन समिधा- दूर्वा
केतु :
दान सामग्री-
काला वस्त्र, काले तिल, चमेली का तेल, लहसुनिया, चितकबरा कंबल, साबुत उड़द, काली मिर्च आदि।
दान का समय- रात्रि
पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्त
प्रारंभ अमावस्या तिथि 12 जनवरी 2021, दोपहर 12:22 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त 13 जनवरी 2021, सुबह 10:29 बजे।
अमावस्या तिथि का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिषाचार्य पंडित नीलेश शास्त्री के अनुसार, अमावस्या तिथि को धार्मिक और आध्यात्मिक चिंतन-मनन के लिए यह माह श्रेष्ठ माना गया है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं। जिस तरह से अमावस्या तिथि को चंद्रमा किसी को दिखाई नहीं देता है और उसका प्रभाव क्षीण होता है। इसी तरह का प्रभाव इंसान के जीवन में भी रहता है। अमावस्या को जन्म लेने वाले की कुंडली में चंद्र दोष रहता है और उस व्यक्ति का चंद्रमा प्रभावशाली नहीं रहता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित नीलेश शास्त्री – 9265-66-7532