नवरात्रि कब है?
When is Chaitra Navratri?
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा मंगलवार 13 अप्रैल 2021 से बसंत नवरात्रि (Basant Navratri) आरंभ होने जा रही है। नवरात्रि का समापन (Navratri ka samapan) 22 अप्रैल को होगा। इस बार तिथि में वृद्धि नहीं रही है और न ही तिथि कम हो रही है। ज्योतिषाचार्य पंडित नीलेश शास्त्री (Pandit Nilesh Shastri) ने बताया कि इस नवरात्रि में माँ भगवती नवदुर्गा (Navdurga Pooja) के साथ भगवान रामचन्द्र (Shree Ram) जी की भी उपासना की जाती है। नवरात्रि (Chaitra Navratri) के 9वें दिन भगवान श्री राम और उनके भाइयों का जन्म हुआ था। इस लिए इस दिन को राम नवमी के रूप में मनाते हैं। इस बार रामनवमी का पर्व 21 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन से वैवाहिक मांगलिक कार्य भी आरंभ हो जाएंगे। इस संवत 2078 का सर्वप्रथम स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त होगा। 20 अप्रैल को दैत्य गुरु भृगु उदय हो जाएंगे और 25 अप्रैल से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
Chaitra Navratri Auspicious time of establish Pitcher For Worship
पंडित नीलेश शास्त्री के अनुसार इस नवरात्रि (Chaitra Navratri) पर घट स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः सूर्य उदय 6:08 बजे से आरंभ हो जाएगा। द्विस्वभाव मीन लग्न 6:12 तक रहेगा। इस समय घट स्थापना करना देवी पुराण में शुभ फलदायक माना गया है। द्विस्वभाव मिथुन लग्न 9:46 से 12:00 बजे तक रहेगा। चौघड़िए के अनुसार प्रातः 9:18 से दोपहर 2:00 बजे तक चंचल, लाभ व अमृत रहेंगे। अभिजीत मुहूर्त 12:02 से 12:51 तक रहेगा। इस समय घटस्थापना करना शुभ रहेगा।
देवी आगमन
नवरात्रि के आरंभ में माता जी घोड़े पर बैठ कर आएगी और हाथी पर बैठ कर जाएगी। देवी भागवत पुराण के अनुसार पं. नीलेश शास्त्री ने बताया कि नवरात्र का आरंभ सोमवार या रविवार से होता है तो माता की सवारी हाथी मानी जाती है, शनिवार-मंगलवार को होता है तो मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं, गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र शुरू होते हैं तो माता का आगमन डोली में माना जाता है, वहीं बुधवार के दिन नवरात्र प्रारंभ होने पर मां का आगमन नाव पर हुआ माना जाता है। इस बार नवरात्रि का आरंभ मंगलवार से हो रहा है, इसलिए मां भगवती की सवारी अश्व यानि घोड़ा रहेगी।
देवी आगमन प्रस्थान से प्रभाव
माता के अश्व पर आने से यह प्रभाव देखने को मिलेगा सत्ता में उथल-पुथल की स्थिति और शासन परिवर्तन का योग बनता है। पड़ोसी देशों से युद्ध की आशंका बढ़ जाती है। कुछ जगहों पर आंधी-तूफान आने के संकेत मिलते हैं
नवरात्रि के 8 दिनों तक अमृत सिद्धि राज योग पुष्य योग रहेगा।
पंडित नीलेश शास्त्री के अनुसार नवरात्रि के आरंभ से नवरात्रि के समापन तक कई योग बन रहे हैं।
शुभ योग
Auspicious Yoga
13 अप्रैल अमृत सिद्धि योग 2:19 तक।
14 अप्रैल राज योग 5:22 तक सिद्धि योग।
15 रवि योग रात्रि 8:32 से प्रारंभ।
16 रवि योग रात्रि 11:40 तक, कुमार योग सूर्य अस्त से रात्रि 11:40 तक।
17 रवि योग अर्धरात्रि 2:33 से शुरू।
18 रवि योग प्रातः 5:01 तक व त्रिपुष्कर योग सूर्य उदय तक।
20 अप्रैल को पुष्प योग 6:51 से।
21 अप्रैल पुष्प योग प्रातः 8:00 बजे तक व रवि योग 8:00 बजे से।
इन योग में खरीदारी करना शुभ माना जाता है। व्यापार सिद्धि प्राप्ति ग्रह दोष निवारण हेतु लाभकारी समय माना जाता है।