मंगल का नक्षत्र परिवर्तन 11 मार्च (महाशिवरात्रि) को
ज्योतिषाचार्य पंडित नीलेश शास्त्री ने बताया की ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह 18 दिन पूर्व ही मेष राशि से वृषभ राशि में परिवर्तन किए है, राशि परिवर्तन करने के बाद 11 मार्च को 11:48 पर अग्रिम संवत्सर के राजा मंगल ग्रह नक्षत्र परिवर्तन करने जा रहे हैं। मंगल ग्रह रोहिणी नक्षत्र में आने से मंगल का अशुभ प्रभाव देखने को मिलेगा। मंगल ग्रह वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में नव संवत्सर 2078 के आरंभ तक रहेंगे। मंगल के मिथुन राशि में आने से यह मृगशिरा नक्षत्र (Nakshatra) में आ जाएंगे और मंगल ग्रह राक्षस नाम संवत्सर के राजा मंत्री रहेंगे नूतन संवत 13 अप्रैल 2021 को आरंभ होगी।
रोहिणी नक्षत्र
रोहिणी नक्षत्र (Nakshatra) का राशि स्वामी शुक्र तथा नक्षत्र स्वामी चन्द्रमा है।
पं. नीलेश शास्त्री के अनुसार यह 5 तारों का समूह है, जो धरती से किसी भूसा गाड़ी की तरह दिखाई देता है।
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नक्षत्र परिवर्तन का फल
नीलेश शास्त्री के अनुसार मंगल ग्रह रोहिण नक्षत्र के प्रथम चरण में 10 डिग्री का शुक्र के घर वृषभ राहु के साथ रहने से अशुभ प्रभाव देता है।
भूकंप, अग्नि कांड, दुर्घटनाएं बढ़ना, जनता का विरोध, मंहगाई बढ़ेगी और कृषि भूमि जैसे कार्य कम होंगे।
अस्त्र शस्त्र, वस्त्र का व्यापार कमजोर रहेगा।
अग्रिम संवत्सर 2078 में भी यही हालत देखने को मिलेगा।
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